सावन के महीने में देशभर से श्रद्धालु और पर्यटक काशी आते हैं, लेकिन बाढ़ के कारण वे इस बार काफी निराश नजर आ रहे हैं। गंगा का जलस्तर 68.09 मीटर पर पहुंच गया है, जो चेतावनी के स्तर से करीब दो मीटर नीचे और खतरे के निशान से करीब तीन मीटर नीचे है। जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
पर्यटकों को एक घाट से दूसरे घाट पर जाने में हो रही है परेशानी
गुजरात से आए बज्जू ने कहा कि जलस्तर बढ़ने से थोड़ी परेशानी तो हो रही है, लेकिन यहां घूमने में बहुत मजा आ रहा है। एक घाट से दूसरे घाट पर जाने में दिक्कत हो रही है। साथ ही जलस्तर लगातार बढ़ने की वजह से नावें भी नहीं चल रही हैं, जिसकी वजह से गंगा में सैर का मजा नहीं ले पा रहे हैं। वहीं, सूरत से आए पर्यटक अशोक ने बताया कि नावें नहीं चल रही हैं और नदी के पास नहीं जाने दिया जा रहा है। दशाश्वमेध घाट पर बदल गया आरती का स्थान
बता दें कि दशाश्वमेध घाट पर होने वाली आरती अब छत पर की जा रही है जबकि अस्सी घाट पर शाम की आरती को उसके मूल स्थान से हटाकर बनारस की कंक्रीट की चौकी पर कर दिया गया है। काशी के सभी 84 घाटों के बीच संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। अगर इसी गति से गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो अगले दो- तीन दिनों में गंगा का पानी घाटों के ऊपर सड़कों तक पहुंच सकता है।