ये हैं मामले केस-1 पूर्व कांग्रेस विधायक के अधिवक्ता अनुज यादव और विकास सिंह के मुताबिक अजय राय के विरुद्ध 22 फरवरी 2017 को बड़ागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय बाबतपुर-कपसेठी मार्ग पर 20-25 मोटर साइकिल पर 40-50 समर्थकों संग बिना इजाजत जनसभा कर रहे थे।
केस-2
चेतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि पूर्व विधायक अपने समर्थकों संग लहुराबीर चौराहे पर सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने के आरोप में एक जुलाई 2017 को चेतगंज थाने में दर्ज हुई थी रिपोर्ट।
आरोप लगा कि पुलिस के रोकने पर वो पुलिस टीम से उलझ गए। केस-3 कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं संग सरकार विरोधी नारेबाजी करते भारत माता मंदिर परिसर की ओर जा रहे थे। इस मामले में सिगरा थाने में 17 सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप लगा था कि कोविड प्रोटोकॉल के जुलूस आदि निकालने पर प्रतिबंध था। ऐसे में एहतियातन मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें रोकने और अनुमति न होने का हवाला दिया तो जुलूस में शामिल सभी कार्यकर्ता उत्तेजित हो गए और पुलिस टीम से उलझने का प्रयास करने लगे।
अजय राय के विरुद्ध जारी था गैर जमानती वारंट इन तीनों ही मामलों में अजय राय के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किया था, जिस पर अजय राय ने अपने अधिवक्ताओं के साथ कोर्ट में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी।