हाथी को लाने के लिए दुधवा से एक टीम भेजी जा रही है। इसमें महावत के अलावा पशु चिकित्सकों की टीम और वनाधिकारी शामिल होंगे। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने कहा कि मेरे संज्ञान में मामला आने के बाद मैंने अपने मित्र और दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर से बात की। उन्होंने प्रयास किया। अब मुझे जानकारी हुई है कि कानूनी अड़चन दूर हो गई है और बहुत जल्दी मिट्ठू दुधवा पहुंच जाएगा।
यह है पूरा मामला 20 अक्टूबर, 2020 को रामनगर की रामलीला चल रही थी। महावत के बेटे रिंकू के अनुसार, रामलीला से लौटने के बाद हाथी मिट्ठू ने छेड़खानी से गुस्साए एक व्यक्ति को कुचलकर मार दिया। इस घटना के बाद से ही हाथी पर 302 के तहत मुकदमा दर्ज है। हाथी के साथ ही उसके मालिक पर भी वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा चन्दौली के बबुरी थाने में लिखा गया था। इसमे महावत को तो जमानत मिल गई लेकिन बेजुबान जानवर मिट्ठू को कोई राहत नहीं मिली। जून 2020 में ही मिट्ठू को लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क में भेजा जाना था। लेकिन पहले कोरोना काल और उसके बाद सरकारी फाइलों की सुस्त चाल में मिट्ठू की रिहाई फंसी रही। लेकिन इस साल जब सोशल मीडिया के जरिए ट्वीट करते हुए किसी ने मिठ्ठू के दर्द की खबर वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश तक पहुंच आई तो उन्होंने आगे आते हुए पहल की। वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने इस संबंध में फॉरेस्ट सर्विस के अपने साथी रमेश पांडेय से संपर्क किया जो कि नई दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर हैं। रमेश पांडेय ने चिड़ियाघर के अधिकारियों से बात कर मिट्ठू की रिहाई की बात कही थी।