नेत्र सर्जन डा.के निरंजन के आश्रम को देखने खुद सीएम योगी आदित्यनाथ तक गये थे और वहा की व्यवस्था से बहुत संतुष्ट दिखे थे। डा.के निरंजन ने बताया कि सड़कों पर घुमते हुए लावारिस, असहाय व बीमारी को देखते थे तो बहुत दुख होता था एक दिन उनके मन में विचार आया कि ऐसे लोगों के लिए आश्रम बनाया जाये। विचार आने से ही बहुत संतुष्टि मिली। लगा कि जब आश्रम बन जायेगा तो कितना अच्छा महसूस होगा। चिकित्सक पत्नी डा.कात्याननी से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि दो अस्पताल पहले से चल रहे हैं आश्रम में कैसे काम किया जायेगा। पत्नी से कहा कि भगवान से ही विचार दिया है तो भगवान ही आश्रम को चलायेंगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने भरतपुर राजस्थान के डा.बी भारद्वाज से सम्पर्क किया। वह 20 साल से ऐसा आश्रम चला रहे हैं। उनसे सारी व्यवस्था जानने के बाद अक्टूबर 2018 में आश्रम की स्थापना की। इसके बाद सैकड़ों लावारिस व बीमार लाये जा चुके हैं। कुछ लोगों को ठीक करके उनके घर वापस भेजा जा चुका है। जिनका कोई ठिकाना नहीं है वह आश्रम में रहते हैं। उन्होंने बताया कि सभी धर्म के लोग आश्रम में रहते हैं यदि किसी का निधन हो जाता है तो उसके धर्म के अनुसार ही अंतिम क्रिया की जाती है। डा.के निरंजन ने बताया कि अपने अस्पताल में भी रहता हूं तो आश्रम की चिंता रहती है और आश्रम का काम कभी नहीं रुका है क्योंकि इस काम को मैं बोझ नहीं मानता हूं। आश्रम को धरातल पर उतारने के बाद बहुत खुशी मिली है लगा कि जरूरतमंदों की सेवा करना ही जीवन की असली सफलता है।
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