पीएम नरेन्द्र मोदी का दूसरा घर माने जाने वाले डीरेका में ही यह खास इंजन तैयार हो रहा है। देश में यह अपने तरह का पहला इंजन होगा। इसे डुअल रेल इंजन कहा जा रहा है। इस खास इंजन में बिजली व डीजल दोनों से चलने की क्षमता होगी। डीजल से चलने पर इस इंजन की क्षमता 4500 हार्सपावर हो जायेगी। बिजली से चलने पर इसकी क्षमता पांच हजार हार्सपावर होगी। 135 किलोमीटर की रफ्तार से दौडऩे में सक्षम इस इंजन में एक साथ 26 कोच लगाये जा सकते हैं। इंजन में तीन हजार लीटर डीजल भरा जा सकता है और रेल इंजन में कंट्रोल्ड एयरब्रेक लगा होगा। इससे यात्रा अधिक सुरक्षित होने के साथ आरामदायक हो जायेगी।
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जानिए कैसे कम समय में पूरी होगी आपकी यात्रा
रेलवे ट्रैक के अनुसार ही ट्रेन में इंजन लगाये जाते हैं। जिन जगहों पर विद्युतिकरण नहीं हुआ है वहां पर डीजल इंजन चलते हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों को सबसे अधिक समस्या होती है। काफी दूर तक डीजल इंजन से सफर करना होता है उसके बाद जहां पर विद्युतिकरण हुआ रहता है वहां पर डीजल इंजन को बदल कर इलेक्ट्रिक इंजन लगाया जाता है इससे यात्रा का समय बढ़ जाता है और यात्रियों को परेशानी होती है लेकिन डुअल इंजन में ऐसा नहीं होगा। अब लंबी दूरी की यात्रा में इंजन को बदलना नहीं होगा। जिन जगहों पर विद्युतिकरण नहीं हुआ है यह इंजन डीजल से चलेगा और विद्युतिकरण वाली जगह यह इलेक्ट्रिक इंजन में बदल जायेगा। एक ही इंजन से दोनों काम होने से समय के साथ रेलवे के पैसों की भी बचत होगी।
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रेलवे ट्रैक के अनुसार ही ट्रेन में इंजन लगाये जाते हैं। जिन जगहों पर विद्युतिकरण नहीं हुआ है वहां पर डीजल इंजन चलते हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों को सबसे अधिक समस्या होती है। काफी दूर तक डीजल इंजन से सफर करना होता है उसके बाद जहां पर विद्युतिकरण हुआ रहता है वहां पर डीजल इंजन को बदल कर इलेक्ट्रिक इंजन लगाया जाता है इससे यात्रा का समय बढ़ जाता है और यात्रियों को परेशानी होती है लेकिन डुअल इंजन में ऐसा नहीं होगा। अब लंबी दूरी की यात्रा में इंजन को बदलना नहीं होगा। जिन जगहों पर विद्युतिकरण नहीं हुआ है यह इंजन डीजल से चलेगा और विद्युतिकरण वाली जगह यह इलेक्ट्रिक इंजन में बदल जायेगा। एक ही इंजन से दोनों काम होने से समय के साथ रेलवे के पैसों की भी बचत होगी।
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