बीएचयू के पूर्व छात्र गौरव सिंह ने कहा कि यह ऑक्सीजन कंसट्रेटर बनाने में उन्हें डेढ़ महीने का वक्त लगा। यह कंसट्रेटर पहले ही पूरा हो जाता लेकिन कोरोना कर्फ्यू लागू होने के कारण इसमें वक्त लग गया। अब ये बनकर तैयार है। इसको बनाने में लगे सामान बड़ी मुश्किल से मिल रहे थे। इसलिए इसकी लागत थोड़ी ज्यादा आई है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के बनने में करीब 61 हजार रुपये की लागत आई है, जबकि सामान्य दिनों में जब बाजार खुलेंगे तब यह लागत घटकर करीब 40 हजार रुपये हो जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत से प्रेरित होकर बनाया कंसट्रेटर युवा इनोवेटर गौरव सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत को इस कंसट्रेटर को बनाने के पीछे वजह बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत से प्रेरित होकर और प्रोफेसर पीके मिश्रा के मार्गदर्शन में तैयार किया है। जल्दी यह बाजार में उपलब्ध होगा। इसके लाइसेंस के लिए सरकार को अर्जी दी गई।