नेहा पांडेय सात दिसंबर को बीएचयू परिसर स्थित अरविंदो कॉलोनी में प्रोफेसर के आवास में प्रवेश के लिए धरने पर बैठ गई थी। पूरी रात वहीं बैठी रहीं। दूसरे दिन पुलिस के आश्वासन पर मारुति नगर स्थित अपने पिता के घर लौट गईं। नेहा की तहरीर पर गुरुवार को लंका पुलिस ने शिकायत दर्ज की। बीएचयू के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पांडेय मणिपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति भी हैं।
बहू नेहा ने शिकायत में बताया है कि डॉ. शिवेश से उनकी शादी 18 फरवरी 2014 को हुई थी। 16 अप्रैल 2014 को जब वह ससुराल में गई तो सास बड़े बेटे के लिए 25 लाख की कार, जबकि छोटे बेटे के लिए पल्सर मांगने लगीं। पिता ने 10 लाख रुपये दहेज और एक बाइक दी थी। मनमुताबिक दहेज न मिलने से उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। कुछ दिनों बाद उसे तलाक की धमकी दी जाने लगी और गाली-गलौज की जाने लगी।
दूसरी बार में हुआ गर्भपात नेहा ने बताया कि उसे अक्सर घर से निकाल दिया जाता था। धक्का देने से पहला बच्चा खराब हो गया। दूसरी बार प्रेग्नेंसी में उसका गर्भपात हो गया था। तीसरी बार गर्भवती होने पर वह मायके चली गई। इस दौरान सास ने कहा कि जब बेटा पैदा हो तभी आना। इलाज और प्रसव का पूरा खर्च मायके वालों ने उठाया। जब बेटे को लेकर ससुराल गई तो उसे फिर प्रताड़ित किया जाने लगा। उसे फिर से तलाक और घर से निकालने की धमकी दी जाने लगी।
लंका थाने में शिकायत दर्ज बहू ने लंका थाने में शिकायत दर्ज की है। नेहा का आरोप है कि जब बेटे की परवरिश को लेकर ससुराल से कोई बातचीत नहीं की गई तो सात दिसंबर को बेटे के साथ पति के आवास पर पहुंची लेकिन पति ने देर रात तक कोई हालचाल नहीं लिया। बेटे को मायके भेजने के बाद वह पूरी रात वहीं बैठी रही। इस दौरान उनका पूरा सामान बाहर फेंकवा दिया गया। लंका इंस्पेक्टर महेश पांडेय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।