दुनिया में पहला है यह मामला मामला वाराणसी कैंटोंनमेंट का है। चंदौली निवासी अनिल कुमार पेशे से व्यापारी हैं। इनकी 26 वर्षीय पत्नी सुप्रीया प्रजापि गर्भवती थीं। 24 मई को बीएचयू हास्पिटल में भर्ती कराने से पहले उनकी पत्नी का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें वार्ड में भर्ती करा दिया। 25 मई को दिन में महिला ने ऑपरेशन से बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टरों ने मां को नवजात बच्ची देने से पहले उसका आरटीपीसीआर जांच कराई। देर रात एक बजे नवजात की रिपोर्ट आई जिसमें उसे पॉजिटिव बताया गया। रिपोर्ट में नवजात का सीटी स्कोर 34 है। यह अपनी तरह का पहला मामला है। डॉक्टर भी इस बात से हैरान हैं कि मां की रिपोर्ट निगेटिव आने पर बच्ची कैसे पॉजिटिव हो गई।
आरटीपीसीआर की सेंसिटिविटी शतप्रतिशत नहीं सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सक अधीक्षक समेत कई विशेषज्ञों ने रिपोर्ट पर शक जाहिर किया है। नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) के इंचार्ज प्रो. अशोक कुमार ने कहा कि ये संभव नहीं है कि मां निगेटिव हो और उसका होने वाला बच्चा पॉजिटिव हो जाएगा। आरटीपीसीआर की सेंसिटिविटी शतप्रतिशत नहीं होती है। इस कारण जांच निगेटिव या पॉजिटिव हो सकती है। फिलहाल बच्ची को स्तनपान के लिए मां से अलग नहीं रखा गया है। बच्ची की दोबारा जांच कराई जाएगी। मां का भी दोबारा टेस्ट कराया जाएगा ताकि पता चल सके कि वह पहले से कोरोना पॉजिटिव तो नहीं थी।