तीन से चार हजार वसूल रहे एंबुलेंस कर्मी मरीजों की बड़ी संख्या बेहतर चिकित्सा सुविधा पाने के लिए यहां आ रहे हैं। ऐसे में निजी एम्बुलेंस चालक उनसे मनमाना किराया वसूल रहे हैं। वैसे आमतौर पर दो-तीन किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाने के लिए बिना ऑक्सीजन की सुविधा वाले एम्बुलेंस का तीन हजार रुपये और ऑक्सीजन की सुविधा वाले चार हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। मरीज का जल्द इलाज कराने को लाचार परिजन पैसे देने के लिए विवश भी हैं। नॉन कोविड मरीजों को भी अस्पताल जाने में अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। किराया कम करने की बात पर एम्बुलेंस चालक दो टूक कहते हैं कि दूसरा ढूंढ़ लीजिए।
कोविड के लिए 15 एंबुलेंस रिजर्व कोविड मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 15 एम्बुलेंस रिजर्व की है। इसके साथ ही निजी अस्पताल की एम्बुलेंस का भी जरूरत पर उपयोग किया जाता है। इसके बाद भी कमी बनी हुई है। एंबुलेंस चालक भी इस बात का फायदा उठा कर चंद कदमों की दूरी के लिए हजार-हजार रुपये वसूल रहे हैं।
कबीरचौरा निवासी 25 वर्षीय हिमांशु की अचानक तबीयत खराब हो गई। उनकी पत्नी ने अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस चालक को फोन किया और शुभम हॉस्पिटल चलने की बात कही। इस पर चालक ने महज दो किलोमीटर दूर ले जाने के लिए उनसे चार हजार रुपये मांगे। साथ में यह भी कहा कि जाना-आना दोनों है तो छह हजार रुपये लगेंगे। हिमांशु की पत्नी ने एंबुलेंस लेने से मना कर दिया और ऑटो लेकर पति को अस्पताल में भर्ती करने गईं।
डेड बॉडी ले जाने के लिए 12 हजार गाजीपुर जिले के नंदगंज निवासी अफरोज खान अपने 84 वर्षीय पिता को दिखाने बनारस के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए लाए थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। अस्पताल के लिए ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। उन्होंने एक एम्बुलेंस चालक से डेड बॉडी गाजीपुर ले चलने की बात की तो उसने 12 हजार रुपये मांगे। उन्होंने मना कर दिया। बाद में गांव से गाड़ी मंगाई और बॉडी ले गए।
शिकायतों को दूर करने का प्रयास इस मामले पर डॉ. एनपी सिंह, प्रभारी सीएमओ ने कहा कि लोजीगों के लिे शासकीय एम्बुलेंस कोविड के लिए रिजर्व किया गया है। हमारी एम्बुलेंस रन कर रही हैं। कहीं कोई दिक्कत नहीं हो रही है। जहां भी ऐसी शिकायत आ रही है उसे दूर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि निजी एंबुलेंस उनके दायरे में नहीं आते हैं।