बागपत जेल में हत्या होने से पहले सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी का खौफ ठेकेदार व व्यापारियों के सिर पर चढ़ कर बोलता था। मुन्ना बजरंगी रंगदारी के लिए जिसको फोन कर देता था उसे जान बचाने के लिए पैसा देना ही पड़त था लेकिन अवधेश श्रीवास्तव को मुन्ना बजरंगी भी नहीं डरा पाया था। लगभग छह साल पहले मुन्ना बजरंगी ने अवधेश श्रीवास्तव को रंगदारी के लिए फोन किया था लेकिन अवधेश डरे नहीं थे बल्कि पहले प्रेस कांफ्रेंस करके मुन्ना बजरंगी और पूर्वांचल के एक बाहुबली का नाम खुल कर लिया था इसके बाद कैंट थाने में जाकर मुन्ना बजरंगी के खिलाफ तहरीर दी थी। अवधेश हमेशा कहते थे कि बहुत मेहनत करके यहां तक पहुंचा है इसलिए किसी के सामने भी नहीं झुकेंगे और किसी से डरेंगे भी नहीं। मुन्ना बजरंगी के खिलाफ तहरीर देने के बाद भी उन्होंने कभी प्राइवेट सुरक्षा गार्ड नहीं रखा। अक्सर अपने साथ लाइसेंसी रिवाल्वर रखते थे जिससे उनकी मौत हुई। पुलिस ठेकेदार के आत्महत्या की जांच में जुटी हुई है और जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने भी मजिस्ट्रीयल जांच भी बैठा दी है अब देखना है कि सुपारी किंग से भी नहीं डरने वाले ठेकेदार के आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन है।
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