ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने अपने सुसाइड नोट में जेई मनोज सिंह व एई आशुतोष सिंह को नाम लिखा था जिसके आधार पर पुलिस ने पहले दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी। ठेकेदार की पत्नी प्रतिभा श्रीवास्तव ने कैंट थाने में आठ लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि जेई व एई से पूछताछ में कई तथ्य सामने आये हैं। पुलिस ने विभाग से पहले ही प्रकरण से जुड़े अभिलेखों को अपने कब्जे में लिया था। जांच के आधार पर ही दोनों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार अन्य जगहों से अभिलेख मंगाये जा रहे हैं साथ ही अन्य लोगों को भी पूछताछ के लिए नोटिस देने की तैयारी है।
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एसआईटी करेगी आगे की जांच
एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी (विशेष जांच दल) का पर्यवेक्षक एसपी सिटी दिनेश सिंह करेंगे। एसआईटी में कैंट सीओ आईपीएस डा.अनिल कुमार, कैंट थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी, क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह, एसआई नागेश सिंह, आदि पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है।
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एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी (विशेष जांच दल) का पर्यवेक्षक एसपी सिटी दिनेश सिंह करेंगे। एसआईटी में कैंट सीओ आईपीएस डा.अनिल कुमार, कैंट थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी, क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह, एसआई नागेश सिंह, आदि पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है।
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जांच कर लखनऊ वापस लौटी टीम
ठेकेदार सुसाइड केस की गंभीरता को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले की जांच के लिए एक टीम को बनारस भेजा था। टीम में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण भी शामिल थे। टीम के सदस्यों ने दो दिन तक दस्तावेजों को खंगालने के साथ ठेकेदार से वार्ता भी की थी। टीम ने अपनी जांच पूरी कर ली है और शासन को रिपोर्ट सौंपी जायेगी।
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कमीशनखोरी के चलते ठेकेदार को देनी पड़ी जान, अब विभाग करने लगा बकाये का भुगतान
अधिकारियों के कमीशनखोरी के चलते ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव को जान देनी पड़ भी। मामले ने तूल पकड़ा और अधिकारियों की गर्दन नपने लगी तो विभाग ने ठेकेदार के बकाये का भुगतान शुरू किया। पीडब्ल्यूडी ने सिंधोरा में ड्रेनेज कार्य का भुगतान रोका हुआ था लेकिन जब विभाग की कलई खुलने लगी तो ठेकेदार की पत्नी को 34.15 लाख का चेक सौपा गया। अवधेश श्रीवास्तव ने अपने सुसाइड नोट में कुल साढ़े चार करोड़ बकाया होने की बात लिखी थी जिसके आधार पर देखा जाये तो भुगतान की गयी रकम बहुत कम है।
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चीफ इंजीनियर के कक्ष में हुई थी छीनाझपटी
ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस इसे आत्महत्या का केस मान कर जांच कर रही है। पुलिस जांच में इस बात की भी आशंका सामने आयी है कि मौत तो पहले रिवाल्वर की छीनझपटी हो सकती है। चीफ इंजीनियर के कक्ष में पांच कारतूस मिले हैं। संभावना जतायी जा रही है कि जब ठेकेदार ने रिवाल्वर कनपटी पर सटाई होगी तो पास बैठे अन्य व्यक्ति ने उसे छीनने का प्रयास किया होगा। पुलिस ने पहले ही सही तस्वीर सामनेे लाने के लिए सीन रीक्रिएशन करने की तैयारी की है।
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