यूपी के सीएम होने के साथ योगी आदित्यनाथ गोरखपीठ के महंत भी है। नाथ संप्रदाय के गोरक्षपीठ से जुड़े लोगों के लिए गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है। यह बात कम लोगों को पता होगा कि त्रिपुरा में लगभग 35 प्रतिशत बंगाली नाथ संप्रदाय से हैं जिनकी वोटिंग ने बीजेपी को त्रिपुरा में इतिहास रचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। बीजेपी इस बात को जानती थी इसलिए सीएम योगी आदित्यनाथ को त्रिपुरा भेजा गया था और सीएम योगी ने वहां पर जाकर नाथ संप्रदाय के लोगों के बीच जाकर चुनाव प्रचार किया था जिसका फायदा हुआ कि बीजेपी को पहली बार त्रिपुरा में इतनी बड़ी जीत मिली है। यूपी के बाहर भी सीएम योगी का जादू चलने लगा है जिसके बाद से सीएम योगी का बीजेपी में कद बढऩा तय है।
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49 से 19 सीट पर आती दिख रही माणिक सरकार
त्रिपुरा में वर्ष २०१३ में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में माणिक सरकार को 49 सीट मिली थी जबकि कांग्रेस के खाते में10 सीट आयी थी। इस चुनाव में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था और दो प्रतिशत से कम वोट ही बीजेपी को मिले थे लेकिन इसके बाद हुए चुनाव में अभी तक के रुझान के मुताबिक बीजेपी को 40 सीट मिल सकती है जबकि लेफ्ट के पास 20 सीट से कम होने की संभावना जतायी गयी है। पांच साल के चुनाव में बीजेपी के पास पीएम मोदी व सीएम योगी के रुप में दो ऐसा स्टार प्रचार मिले हैं जिन्होंने त्रिपुरा का इतिहास बदल दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर से नाथ संप्रदाय का कनेक्शन बहुत काम आया है और पहली बार वहां पर बीजेपी सरकार बन रही है। त्रिपुरा में बंगाली नाथ संप्रदाय के लोग बंगाल से आकर बसे हैं और माना जाता है कि बंगाल पर उनके उपर अत्याचार होते थे इसलिए वह त्रिपुरा चले आये हैं जहां पर आने के बाद भी वह नाग संप्रदाय से जुड़े हुए हैं।
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त्रिपुरा में वर्ष २०१३ में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में माणिक सरकार को 49 सीट मिली थी जबकि कांग्रेस के खाते में10 सीट आयी थी। इस चुनाव में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था और दो प्रतिशत से कम वोट ही बीजेपी को मिले थे लेकिन इसके बाद हुए चुनाव में अभी तक के रुझान के मुताबिक बीजेपी को 40 सीट मिल सकती है जबकि लेफ्ट के पास 20 सीट से कम होने की संभावना जतायी गयी है। पांच साल के चुनाव में बीजेपी के पास पीएम मोदी व सीएम योगी के रुप में दो ऐसा स्टार प्रचार मिले हैं जिन्होंने त्रिपुरा का इतिहास बदल दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर से नाथ संप्रदाय का कनेक्शन बहुत काम आया है और पहली बार वहां पर बीजेपी सरकार बन रही है। त्रिपुरा में बंगाली नाथ संप्रदाय के लोग बंगाल से आकर बसे हैं और माना जाता है कि बंगाल पर उनके उपर अत्याचार होते थे इसलिए वह त्रिपुरा चले आये हैं जहां पर आने के बाद भी वह नाग संप्रदाय से जुड़े हुए हैं।
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