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77.41 करोड़ का फ्लाईओवर का बजट 171 करोड़ पहुंचा
चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का बीम गिरने के बाद इसके डिजाइन में कुछ परिवर्तन किया गया। स्टील की बीम लगाने के चलते इसकी लागत 77.41 करोड़ से बढ़ कर 171 करोड़ तक पहुंच गयी। इसके बाद भी काम की रफ्तार नहीं बढ़ी और हादसे भी होते रहे।
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वर्ष 2015 में विस्तारीकरण का प्रोजेक्ट शुरू हुआ था आज तक नहीं पूरा हो पाया काम
वर्ष 20158में चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण पर काम शुरू हुआ था उस समय कहा गया था कि 1800०मीटर लंबा प्लाईओवर को 30 माह में बन जाता था लेकिन हादसे व काम की धीमी रफ्तार ने इस योजना को सबसे अधिक प्रभावित किया। जिस फ्लाईओवर को मई 2018 में पूरा होना था उस समय तक 40 प्रतिशत तक ही काम हुआ था। इसके बाद जून 2019 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रखा था जो नहीं हो पाया। अब दिसम्बर 2019 की तिथि तय की गयी है लेकिन अभी तक काफी काम बाकी है जिससे इस साल तक निर्माण खत्म होने की संभावना बहुत कम है।
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फ्लाईओवर का एक हिस्सा अप्रैल तक तैयार करने की चुनौती
चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर वाई स्पैन में बन रहा है। इसका एक हिस्सा कैंट के पास से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पास उतरेगा। चौकाघाट से लहरतारा फ्लाईओवर किसी तरह दिसम्बर तक बन भी जाता है तो भी उसका छोटा हिस्सा अभी तैयार नहीं हो पायेगा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पास इसके लिए काम शुरू हुआ है, जिसे अप्रैल तक पुरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल हादसे के बाद जांच कमेटी का गठन कर रिपोर्ट मांगी गयी है। उसके बाद पता चलेगा कि शटरिंग गिरने के लिए कौन जिम्मेदार है।
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चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर वाई स्पैन में बन रहा है। इसका एक हिस्सा कैंट के पास से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पास उतरेगा। चौकाघाट से लहरतारा फ्लाईओवर किसी तरह दिसम्बर तक बन भी जाता है तो भी उसका छोटा हिस्सा अभी तैयार नहीं हो पायेगा। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पास इसके लिए काम शुरू हुआ है, जिसे अप्रैल तक पुरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल हादसे के बाद जांच कमेटी का गठन कर रिपोर्ट मांगी गयी है। उसके बाद पता चलेगा कि शटरिंग गिरने के लिए कौन जिम्मेदार है।
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