एडीजी जेल चन्द्र प्रकाश ने बताया कि जेलों में जो समस्या है उसका समाधान का प्रयास चल रहा है। जेल में अपराधियों के मोबाइल के प्रयोग पर कहा कि वहां पर 3 जी जैमर लगा हुआ है, जिससे 4जी जैमर में अपग्रेट करने का काम चल रहा है। लखनऊ में एक सेंट्रल कंट्रोल रूम बन रहा है जहां पर प्रदेश भर की जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरों को इंटीग्रेट किया जायेगा। इसके बाद वहां से जेलों पर नजर रखना आसान होगा। नैनी व गाजीपुर जेल में अपराधियों की पार्टी मनाते हुए फोटो व वीडियो वायरल होने पर भी एडीजी जेल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नैनी जेल प्रकरण की जांच डीआईजी से करायी गयी है इसमे कुछ लोगों पर कार्रवाई की संस्तुति की गयी है। इस प्रकरण में बंदी रक्षक व हेड वार्डर को सस्पेंड किया गया है जबकि जेलर व जेल अधीक्षक पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है और डिप्टी जेलर पर कार्रवाई के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा जा रहा है। गाजीपुर जेल प्रकरण की जांच डीआईजी जेल कर रहे हैं उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी। एडीजी जेल चन्द्र प्रकाश ने बनारस सेंट्रल जेल का निरीक्षण भी किया है और जेल में व्यवसायिक उपयोग के लिए बनायी गयी लॉन्ड्री व हथकरघा मशीन के साथ जेल परिसर के बाहर कैदियों के उत्पाद बेचने के लिए बने आउटलेट का उद्घाटन भी किया है।
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अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गयी है जेल
सीएम योगी आदित्यनाथ के राज में पुलिस ने अपराधियों को जेल भेजने का अभियान चलाया हुआ है इसके बाद भी अपराध नियंत्रण में सरकार फेल साबित हो रही है जिसकी मुख्य वजह जेल का अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनना है। जेल में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि यूपी की सुपारी किंग मुन्नी बजरंगी की वर्ष2018 में बागपत जेल की बैरक में हत्या कर दी जाती है। इसके बाद लगातार प्रदेश की किसी ने किसी जेल से अपराधियों की पार्टी मनाते, मोबाइल से पैसा वसूली की धमकी देते, जेल में गोली मिलने आदि की वीडियो व फोटो वायरल हो रही है जिससे पता चलता है कि जेल प्रशासन अपराधियों के आगे कितना बेबस हो चुका है। ऐसे में यदि सेंट्रल कंट्रोल रुम से सभी जेल की निगहबानी शुरू हो जायेगी तो व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
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