प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिवक्ता कमलेश चन्द्र तिपाठी ने गुरुवार को कैंट थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में आरोप लगाया गया था कि कलेक्ट्रेट परिसर स्थित नामांकन स्थल पर तेज बहादुर यादव पर साथियों द्वारा भीड़ जुटाना, नारेबाजी करने का आरोप लगाया है। कहा गया है कि तेज बहादुर यादव के समर्थकों ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और धारा 144 भी तोड़ी गयी है। बताते चले कि तेज बहादुर यादव ने वाराणसी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव 2019 के लिए निर्दल व अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन से नामांकन किया था। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्दल प्रत्याशी के रुप में तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद महागठबंधन प्रत्याशी के रुप में चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव को नोटिस देकर आवश्यक प्रमाण पत्र देने के लिए एक मई सुबह 11 बजे का समय दिया था। इसी दिन तेज बहादुर यादव व सपा कार्यकर्ता भारी संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर में जुट गये थे। समर्थकों के चलते नामांकन को लेकर गहमागहमी का माहौल था। बाद में चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव का नामांकन निरस्त कर दिया था। इसको लेकर महागठबंधन के समर्थकों ने अपनी नाराजगी जतायी थी। कलेकट्रेट परिसर में इसी बात को लेकर जमकर नारेबाजी हुई थी। अधिवक्ता ने इन्हीं बातों का उल्लेख करते हुए ही कैंट थाने में तहरीर दी है। तेज बहादुर यादव पर मुकदमा दर्ज होने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में राजनीति तेज हो जायेगी।