गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि मणिकर्णिका घाट पर मीडिया से कहा कि मेरा कोई गुरु नहीं था। भगवान को कभी देखा नहीं है। मेरे पिता ने ही अध्यात्म से लेकर जीवन जीना सिखाया है आज जो भी हूं वह अपने पिता के बदौलत हूं। रवि किशन ने कहा कि पिता जी की मौत के बाद मैं बहुत अकेला हो गया है। पिता जी मेरी बहुत बड़ी शक्ति थे। वह दो माह से बीमार थे उन्हें मोक्ष भी चाहिए था यह भी सत्य है। पिता का जाना बहुत दु:खद होता है भले ही वह 92 साल के थे। उन्होंने कहा कि आज मेरे जीवन में सबसे बड़ी क्षति हुई है। पिता बिना घर सुना हो गया है। 31 दिसम्बर को रात 11 बजे ही उनका निधन हुआ है। इस दिन को कभी भूल नहीं सकता हूं और अपना दर्द शब्दों में भी बयान करना संभव नहीं है।
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बनारस में देह त्यागना चाहते थे रवि किशन के पिता
अभिनेता व सांसद रवि किशन के पिता श्याम नारायण शुक्ला बनारस में देह त्यागना चाहते थे। पिछले दो माह से वह बीमार चल रहे थे। इससे पहले उनका इलाज मुंबई में चल रहा था लेकिन पिता की इच्छा को देखते हुए उन्हें बनारस लाकर बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर लंबी बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। मणिकर्णिका घाट पर अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही।
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