यूपी में चुनाव हो और बाहुबलियों का डंका न बजे ऐसा कम ही देखने को मिला है। मोदी लहर में भी इन बाहुबलियों ने अपना डंका बजवाया और बड़े अंतर से जीते। इस बार निकाय चुनाव में भी बीजेपी के योगी मैजिक को इन बाहुबलियों ने अपने इलाकों में फेल कर दिया।
2/6
मऊ में बाहुबली मोख्तार अंसारी के करीबी तैय्यब पालकी बसपा से चुनाव जीते हैं। इसके अलावा अदरी नगर पंचायत से बसपा की वजीहा खातून जीत गयी हैं। इसी तरह गाजीपुर जिले में तो अंसारी बंधुओं ने बड़ी जीत हासिल की। यहां बसपा के टिकट पर खड़े उनके चार प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। अंसारी बंधुओं के पैतृक मोहम्मदाबाद नगर पालिका से बसपा के शमीम अहमद, जमानिया से एहसान जफर और नगर पंचायत सैदपुर से सरिता सोनकर व बहादुरगंज से निकहत परवीन चुनाव जीत गयीं। इसके अलावा दिलदारनगर नगर पंचायत से जीते निर्दलीय उम्मीदवार अविनाश जायसवाल उर्फ नेपाली भी अंसारी बंधुओं के खास बताए जाते हैं।
3/6
प्रतापगढ़ में कुंडा राजा भइया का गढ़ है। वो वहीं से विधायक भी हैं। कुंडा नगर पंचायत में राजा भइया के करीबी हत्या के मामले में जेल में बंद गुलशन यादव की पत्नी निर्दलीय सीमा यादव जीत गयी हैं।
4/6
बाहुबली विजय मिश्रा ने इस बार ज्ञानपुर नगर पंचायत सीट पर भाजपा का समर्थन किया था। वहां से बीजेपी के हीरालाल मौर्य ने सपा के घनश्याम गुप्ता को हरा दिया है।
5/6
महाराजगंज की नौतनवां नगर पालिका अध्यक्ष पद पर बाहुबली अमनमणि त्रिपाठी के करीबी निर्दलीय गुड्डू खान जीत गए हैं। यहां गुड्डू खान का चुनाव अमनमणि की नाक का सवाल बना हुआ था। नगर पंचायत सोनौली से भी उनकी निर्दलीय प्रत्याशी कामना भी जीत गयीं।
6/6
चंदौली जिले में बीजेपी के बाहुबली विधायक सुशील सिंह की प्रतिष्ठा लगी हुई थी। उनके विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत सैयदराजा से उनके करीबी भाजपा के वीरेन्द्र कुमार जीते तो मुगलसराय (दीनदयाल नगर) से भी उनके भाजपा प्रत्याशी संतोष की जीत हुई।