वाराणसी

दुविधा में बुरे फसे बाहुबली राजा भैया, एक तरफ मुलायम सिंह यादव तो दूसरी तरफ है ये करीबी…

नगर निकाय चुनाव में इस बार राजा भैया किसे अपना समर्थन दे रहे हैं …

वाराणसीOct 28, 2017 / 02:03 pm

ज्योति मिनी

प्रतापगढ़. राजा भैया के गढ़ प्रतापगढ़ में निर्वाचन आयुक्त द्वारा निकाय चुनावों की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों की सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि, इस बार राजा भैया किसे अपना समर्थन दे रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि, राजा भैया जिस पार्टी को अपना समर्थन देते हैं जीत उसी की होती है।
जानकारी के अनुसार, 1995 से लेकर 2012 तक नगर निकाय चुनाव में राजा भैया का समर्थन हरिप्रताप सिंह (निर्दल) को मिला, जिनकी हर बार जीत हुई। इस बार यह सीट महिला आरक्षित है। सभी दावेदार अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं। वहीं इस बार सपा भी अपना प्रत्याशी उतार रही है। ऐसे में राजा भैया के लिए यह दुविधा की बात हे। अब देखना है कि, राजा भैया का आशीर्वाद किसे मिलता है। राजनीत की सियासी दाव पेंच शतरंज की चाल की तरह प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों को मोहरा बनाकर चलना शुरू कर दिया है, लेकिन कई प्रत्याशियों में कोई एक ही राजा भैया का आशीर्वाद प्राप्त करेगा। और जिसे राजा भैया अपना आशीर्वाद देंगे वही विजय श्री प्राप्त करेगा।
29 अक्टूबर से जिले में नामांकन होंगे और 22 नवम्बर को मतदान होंगे। सपा पार्टी में टिकट पाने के लिए भी यही हाल है सपा के आवेदकों को शायद ये समझ में आ गया है कि, इस समय समाजवादी पार्ट्री का समय ठीक चल रहा है। सभी प्रत्याशी राजा भैया को ही अपना आदर्श मानकर अपनी पैरवी प्रतापगढ़ से लेकर लखनऊ तक करते देखे जा रहे हैं। कुल मिलाकर राजा भैया का वर्चस्व इस नगर निकाय चुनाव में भी प्रभावशाली रहेगा। इसके पहले चुनाव में भाजपा पार्टी से रवि प्रताप सिंह को टिकट मिला था लेकिन राजा भैया के सहयोग और आशीर्वाद पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हरिप्रताप सिंह के साथ था, जिससे उन्हें चुनाव में विजय श्री प्राप्त की थी।
 

ऐसा बन रहा समीकरण

प्रतापगढ़ में पहली बार सपा, बसपा व अपना दल अपने सिम्बल पर आवेदकों को चुनाव मैदान में उतारेंगे। इस चुनाव से पहले केवल भाजपा पार्टी ही अपने सिम्बल पर आवेदक प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाती थी। कांग्रेस समेत सपा और बसपा के पास नगर पालिका चुनाव के लिए पर्याप्त वोट बैंक न होने की वजह से ये तीनो पार्टियां अपने सिम्बल पर चुनाव नहीं लड़ाती थीं। तीनों पार्टी के आवेदक निर्दल रूप से चुनाव लड़ते थे और सभी हार जाते थे। इससे पूर्व लगातार भाजपा के हरी प्रताप सिंह सन 1995 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर टिकट मेयर का टिकट लिया और जीत हासिल की अपने अच्छे कार्यों के द्वारा नगर का विकास कर जनता के दिलों में स्थान बनाकर सन 1995 से लगातार सन 2012 तक भाजपा पार्टी से नगर पालिका अध्यक्ष बने रहे। सन 2012 में भाजपा पार्टी से टिकट न मिलने से निर्दल चुनाव लड़े और भाजपा पार्टी के प्रत्यासी रवी सिंह को चुनाव हराकर विजय श्री प्राप्त की।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अपना दल एस के आशीष सिंह के अनुसार अपना दल एस भी इस बार नगर निकाय के चुनाव में उतरेगा अपना प्रत्याशी। इस बार सपा, बसपा व अपना दल भी अपने पार्टी सिम्बल पर आवेदकों को चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। अब इन तीनो पार्टियों से सिम्बल कोई एक आवेदक चुनाव लड़ पाएगा। ऐसे में इस बार नगर निकाय का चुनाव महत्वपूर्ण हो जायेगा, क्योंकि अभी तक सिम्बल पर भाजपा ही चुनाव लड़वाती थी। लेकिन अब तीन और पार्टियां सिम्बल देने के लिए तैयार हैं। प्रतापगढ़ सदर विधानसभा में अपना दल एस का विधायक संगम लाल गुप्ता ने तो अपना दल एस के प्रत्याशी को जिताने में पूरी ताकत का इस्तेमाल करेंगे। इस लिहाज से नगर निकाय का चुनाव बहुत ही रोचक हो जायेगा।
यह है तैयारी

जनपद की नगर पालिका व् आठ नगर निकायों के अध्यक्षों व सदस्यों के लिए मतदान में अफसरों ने जिले का विशेष ध्यान रखा है। इसलिए जिले में दो मतदान केन्द्रों को छोड़कर अन्य सभी 83 मतदान केन्द्रों को संवेदन शील केन्द्रों की सूची में रखा गया है। इस बार प्रशासन ने मतदान केन्द्रों की तीन तरह की सूची बनाई है। संवेदन शील, अति सम्वेदनशील व अति संवेदनशील प्लस। प्रतापगढ़ में नौ मतदान केंद्र ऐसे हैं जो अति संवेदनशील प्लस की सूची में शामिल हुए हैं। इनमें से तीन नगरपालिका क्षेत्र सदर में पट्टी में एक, कुंडा में दो, मानिकपुर में दों व कटरा मेदनीगंज में एक। इस तरह कुल मिलाकर नौ मतदान केन्द्रों को अति संवेदनशील सूची में शामिल किया गया है। जिसमें राजा भैया के प्रभाव वाले क्षेत्रों में इनकी संख्या चार है।

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