बाहुबली अतीक अहमद की सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया था। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एम्बुलेंस के जरिए प्रयागराज से वाराणसी बाबतपुर हवाई अड्डे पर भेजा गया था। इसके बाद बाबतपुर एयरपोर्ट से विमान के जरिए अहमदाबाद गये हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर अतीक अहमद के जेब में इतने पैसे कहा से आये। इससे साफ हो जाता है कि अतीक अहमद का जलवा अभी तक कायम है। सोशल मीडिया में तेजी से फोटो वायरल हो रही है।
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सरकार किसी की होती है अतीक का जलवा कायम रहता है
यूपी में किसी भी पाटी्र की सरकार हो। बाहुबली अतीक अहमद का जलवा हमेशा कायम रहता है। कभी मुलायम सिंह यादव के खास माने जाने वाले अतीक अहमद ने सपा के ही टिकट से फूलपुर से चुनाव जीता था बाद में अखिलेश यादव से मनमुटाव होने के बाद ही सपा छोड़ी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर चुनावी फायदे के लिए अतीक अहमद का उपयोग करने का आरोप लगता रहता है। वर्ष 2018 में फूलपुर उपचुनाव में अतीक अहमद ने निर्दल प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था उस समय कहा गया था कि बीजेपी के इशारे पर अतीक अहमद चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के प्रत्याशी को नहीं हरा पाये थे। देवरिया जेल में अतीक अहमद पर देवरिया जेल में बिल्डरो को पीटने का आरोप लगा था। लोकसभा चुनाव 2019 में बनारस संसदीय सीट से अतीक अहमद ने पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नामांकन किया था लेकिन कोर्ट से पैरोल नहीं मिलने के चलते बाद में चुनावी मैदान से हट गये थे।
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यूपी में किसी भी पाटी्र की सरकार हो। बाहुबली अतीक अहमद का जलवा हमेशा कायम रहता है। कभी मुलायम सिंह यादव के खास माने जाने वाले अतीक अहमद ने सपा के ही टिकट से फूलपुर से चुनाव जीता था बाद में अखिलेश यादव से मनमुटाव होने के बाद ही सपा छोड़ी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर चुनावी फायदे के लिए अतीक अहमद का उपयोग करने का आरोप लगता रहता है। वर्ष 2018 में फूलपुर उपचुनाव में अतीक अहमद ने निर्दल प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था उस समय कहा गया था कि बीजेपी के इशारे पर अतीक अहमद चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के प्रत्याशी को नहीं हरा पाये थे। देवरिया जेल में अतीक अहमद पर देवरिया जेल में बिल्डरो को पीटने का आरोप लगा था। लोकसभा चुनाव 2019 में बनारस संसदीय सीट से अतीक अहमद ने पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नामांकन किया था लेकिन कोर्ट से पैरोल नहीं मिलने के चलते बाद में चुनावी मैदान से हट गये थे।
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