शहर के मैदागिन क्षेत्र में स्थिति Baba Kaal Bhairav का मंदिर अति प्राचीन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव व ब्रह्मा में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था और खुद महादेव ने काल भैरव को उत्पन्न किया था। बाद में Kaal Bhairav स्वंय काशी के काल भैरव क्षेत्र में आकर विराजमान हो गये। इसके बाद बाबा का रुप चन्द्रमा जैसा शीतल हो गया। मंदिर में विराजमान बाबा काल भैरव अपने भक्तों के सभी दु:ख को दूर करते हैं। यदि किसी पर मृत्यु का भय समा गया है तो यहा दर्शन मात्र से ही सारा भय दूर हो जाता है।
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Baba Kaal Bhairav मंदिर में प्रतिदिन दर्शन किया जा सकता है। सुबह भोर की आरती के बाद मंदिर गर्भ गृह भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है इसके बाद दोपहर की आरती के समय कुछ देर मंदिर में दर्श नहीं मिलता है। रात में आरती के समय भी भक्त अपने बाबा का दर्शन कर सकते हैं। रविवार व मंगलवार को मंदिर में दर्शन करने से विशेष फल मिलता है। रविवार को बहुत भीड़ रहती है इसलिए बाबा का आराम से दर्शन करना है तो मंगलवार का दिन आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।
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बाजीराव पेशवा और अहिल्याबाई ने कराया था मंदिर का जीर्णोद्धार
बाबा काल भैरव कब से विराजमान है इसका कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता है। बाजीराव पेशवा और कालांतर में रानी अहिल्या बाई होलकर ने मंदिर को जीर्णोद्धार कराया था। Kaal Bhairav का मंदिर गली है इसलिए भीड़ होने के समय आपको दर्शन करने में असुविधा हो सकती है इसलिए सुबह या रात का समय दर्शन के लिए सबसे अच्छा रहता है।
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बाबा काल भैरव कब से विराजमान है इसका कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता है। बाजीराव पेशवा और कालांतर में रानी अहिल्या बाई होलकर ने मंदिर को जीर्णोद्धार कराया था। Kaal Bhairav का मंदिर गली है इसलिए भीड़ होने के समय आपको दर्शन करने में असुविधा हो सकती है इसलिए सुबह या रात का समय दर्शन के लिए सबसे अच्छा रहता है।
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काल भैरव मंदिर जाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। यदि आप Babatpur Airport आते हैं तो यहा से मंदिर की दूरी लगभग 26 किलोमीटर है जबकि कैंट रेलवे स्टेशन या उसके पास स्थित रोडवेज बस स्टैंड से मंदिर की दूरी लगभग चार किलोमीटर है। इन सारी जगहों से आपको मंदिर जाने के लिए हमेशा साधन उपलब्ध रहता है।
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शहर में ले सकते हैं होटल व लॉज, फिर आराम से करें बाबा का दर्शन
बाबा Kaal Bhairav मंदिर के पास होटल व लॉज की संख्या अधिक नहीं है इसलिए आप शहर के अन्य जगहों पर होटल लेकर रुक सकते हैं और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद बाबा काल भैरव का दर्शन करने जा सकते हैं। दोनों ही मंदिरों की बीच की दूरी दो से तीन किलोमीटर है।
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बाबा Kaal Bhairav मंदिर के पास होटल व लॉज की संख्या अधिक नहीं है इसलिए आप शहर के अन्य जगहों पर होटल लेकर रुक सकते हैं और काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद बाबा काल भैरव का दर्शन करने जा सकते हैं। दोनों ही मंदिरों की बीच की दूरी दो से तीन किलोमीटर है।
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