वाराणसी. बिहार विधानसभा चुनाव में महज 20 सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटें जीतने के बाद आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (all india majlis-e-ittehadul muslimeen) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Ovaisi) की नजर अब उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। ओवैसी बिहार की तर्ज पर यूपी में तीसरे मोर्चे (Third Fromt) को मजबूत करने की कवायद में जुट गए हैं। भागीदारी संकल्प मोर्चा (Bhagidari Sankalp Morcha) के साथ आने के बाद उसे मजबूत बनाने के साथ ही अपनी पार्टी को विस्तार देने में भी जुटे हैं। 12 जनवरी को ओवैसी पूर्वांचल के दौरे पर होंगे। ओवैसी पहली बार वाराणसी आएंगे। वो जौनपुर और आजमगढ़ जाएंगे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी उनके साथ मौजूद होंगे। कहा जा रहा है कि उनके इस दौरे से पूर्वांचल में उनकी पार्टी और संभावित मोर्चे को लेकर एक सियासी माहौल बन सकता है।
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यूपी में भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) 2022 के पहले छोटे दलों को एकजुट करने में लगे हैं। अब तक उनके साथ शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) व ओवैसी के अलावा चंद्रशेखर (Chandrashekhar) जैसे चर्चित नाम जुटते दिख रहे हैं। हाल ही में ओवैसी से मुलाकात के बाद ओम प्रकाश राजभर चंद्रशेखर से भी मिले हैं और कहा जा रहा है क चंद्रशेखर को आवैसी का साथ मलि रहा है। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर प्रदेश में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को बल दिया है। यूपी में संभावनाओं को देखते हुए ओवैसी आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों तक संगठन को विस्तार देने की कवायद में जुटे हैं।
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उनके पूर्वांचल आने को भी इसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष शौकत माहुली (Shaukat Mahuli) ने पत्रिका से बताया है कि 12 जनवरी को असदुद्दीन ओवैसी और ओम प्रकाश राजभर साथ ही आएंगे। 10 बजे वाराणसी एयरपोर्ट आएंगे। वहां से 12 बजे वो जौनपुर पहुंचेंगे, कहां कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। वहां वह दो मिनट रुकेंगे। वहां से खेतासराय दीदारगंज होते हुए वो आजमगढ़ के माहुल स्थित प्रदेश अध्यक्ष के घर पहुंचेगे। वहां भोजन और नमाज के बाद दोनों नेता वापस वाराणसी आकर वहां से वापस हो जाएंगे।
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निशाने पर पूर्वांचल
यूपी की सियासत में पूर्वी उत्तर प्रदेश का बेहद अहम रोल है। ऐसा कहा जाता है कि यूपी की सत्ता पर वही काबिज होता है जो पूर्वांचल केा जीतता है। पहले मायावती, फिर अखिलेश यादव की सपा सरकार और अब योगी आदित्यनाथ भी पूर्वांचल से जीत के रथ पर सवार होकर सत्ता तक पहुंचे हैं। यही वजह है कि आजमगढ, जौनपुर और वाराणसी, व बिहार बाॅर्डर से सटे यूपी के मुस्लिम बाहुल्य जिलों पर आईएआईएम (AIMIM) की नजरें हैं।
दलित मुस्लिम वोटों पर नजर
ओवैसी की यूपी और खासतौर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में दलित मुस्लिम वोटों पर नजर है। जय भीम-जय मीम (Jai Bheem Jai Meem) उनका पुराना नारा रहा है। इसी नारे को लेकर वह यूपी में भी आना चाहते हैं। हालांकि अभी बसपा (BSP) की ओर से ओवैसी को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विकल्प के तौर पर चंद्रशेखर ओवैसी के साथ खुलकर आते दिख रहे हैं। भागीदारी मोर्चा को लेकर चंद्रशेखर और ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात भी हुई है और उन्होंने पूर्वांचल में सक्रियता बढ़ा दी है। आजमगढ़ (Azamgarh)में सत्यमेव जयते की हत्या (Satyamev Jayate) के बाद चंद्रशेखर का आना जाना लगा हुआ है।