वाराणसी

जहां किया था जल-थल मोक्ष वाहिनी का लोकार्पण, वहीं अरुण जेटली की अस्थियां होगी प्रवाहित

8 सितम्बर को बनारस आये अस्थि कलश, जानिए क्या है कहानी

वाराणसीSep 07, 2019 / 03:51 pm

Devesh Singh

Arun Jaitley

वाराणसी. पूर्व वित्तमंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने जिस जगह पर लोगों को मोक्ष दिलाने के लिए जल-थल मोक्ष वाहिनी को लोकार्पण किया था वही अब उनकी अस्थियां गंगा में विसर्जित की जायेगी। 8 सितम्बर को सुबह 11 बजे पूर्व वित्तमंत्री के परिजन अस्थि कलश लेकर बनारस आयेंगे। बीजेपी के काशी क्षेत्र के मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने बताया कि अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर परिजन पूजा-पाठ भी करेंगे।
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पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का काशी से विशेष लगाव था। वर्ष 2014 में जब गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को बनारस संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया गया था तो चुनाव जीताने की रणनीति अरुण जेटली ने ही बनायी थी। पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार में भी अरुण जेटली बनारस आये थे और यहां पर 28 मार्च 2015 को अस्सी घाट पर जल-थल शव वाहिनी का लोकार्पण किया था जिससे दूर-दराज से आने वाले को मोक्ष मिलने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। वित्त मंत्री रहते हुए जब जीएसटी लागू किया था तो उसके बाद भी बनारस आये थे और व्यापारियों से उनकी समस्या सुनी थी।
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लंबी बीमारी के पास 24 अगस्त को हुआ था पूर्व वित्तमंत्री का निधन
पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली ने वित्त व रक्षा दोनों मंत्रालय संभाला था लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्होंने संसदीय चुनाव 2019 लडऩे से मना कर दिया था केन्द्र में जब फिर से पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार आयी थी तो उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मंत्री नहीं बनाने का अनुरोध किया था। इसके बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ता ही गया और अगस्त में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था जहां पर उनकी स्थिति बिगड़ती गयी और 24 अगस्त को दोपहर 12 बजे निधन हो गया था उस समय पीएम नरेन्द्र मोदी विदेशी दौरे पर गये थे और पूर्व वित्तमंत्री की निधन की जानकारी मिलते ही उनकी आंखे भर आयी थी कहा था कि मेरा दोस्त अरुण नहीं रहा।
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