बीजेपी से गठबंधन खत्म होने के बाद सुभासपा की दूसरी बार परीक्षा थी। लोकसभा चुनाव 2019 सुभासपा ने प्रत्याशी खड़े किये थे और सभी प्रत्याशी को हार मिली थी। इसके बाद सुभासपा ने उपचुनाव में भाग्य आजमाने के लिए प्रत्याशी उतारे थे। पूर्वांचल के राजभर वोटरों पर सबसे अधिक पकड़ ओमप्रकाश राजभर की मानी जाती है। ओमप्रकाश राजभर ने इन्ही वोटरों के सहारे गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी को झटका देने की तैयारी की थी लेकिन सफलता नहीं मिल पायी। घोसी सीट में राजभर वोटर चुनाव में बड़ी भूमिका निभाते हैं। बीजेपी यह बात जानती थी इसलिए बीजेपी ने सब्जी बेचने वाले के बेटे विजय राजभर को प्रत्याशी बनाया था। ओमप्रकाश राजभर ने भी प्रत्याशी उतारे थे और सुभासपा चाहती थी कि वह राजभर वोटरों को बीजेपी से जाने से रोका। ऐसा हो गया तो बीजेपी की हार तय हो जायेगी। बीजेपी को राजभर प्रत्याशी उतारने का फायदा मिला है और उनका प्रत्याशी बढ़त बनाया हुआ है। चुनाव परिणाम पर मतगणना के बाद ही अंतिम मुहर लगेगी। इतना तो साफ हो गया है कि ओमप्रकाश राजभर का प्रत्याशी दम नहीं दिखा पाया।
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जानिए क्यों अपना दल को होगा फायदा
केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार दूसरी बार आने पर अपना दल के नेताओं को सरकार में जगह नहीं मिली। अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी से भेंट की थी जिससे बीजेपी नाराज हो गयी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रीमंडल का विस्तार किया था तो भी अपना दल नेताओं को जगह नहीं मिली थी। इसके बाद भी अपना दल ने बीजेपी से गठबंधन खत्म नहीं किया। प्रतापगढ़ में बीजेपी ने अपना दल नेता को प्रत्याशी बनाया और वह मतगणना में सबसे आगे हैं। यूपी चुनाव 2022 का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। अखिलेश यादव ने पहले ही बिना किसी दल से गठबंधन किये ही चुनाव लडऩे की बात कही है। जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति सामने नहीं आयी है। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस भी यूपी चुनाव में अपनी पार्टी की ताकत दिखायेगी। ऐसे में चुनाव से पहले नये गठबंधन बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। गठबंधन बनता है तो उन दलों को सबसे अधिक फायदा होगा जिनके पास बड़ा जनाधार है। यदि ऐसा हुआ तो ओमप्रकाश राजभर पिछड़ सकते हैं और अनुप्रिया पटेल को बड़ा फायदा मिल सकता है।
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केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार दूसरी बार आने पर अपना दल के नेताओं को सरकार में जगह नहीं मिली। अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी से भेंट की थी जिससे बीजेपी नाराज हो गयी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रीमंडल का विस्तार किया था तो भी अपना दल नेताओं को जगह नहीं मिली थी। इसके बाद भी अपना दल ने बीजेपी से गठबंधन खत्म नहीं किया। प्रतापगढ़ में बीजेपी ने अपना दल नेता को प्रत्याशी बनाया और वह मतगणना में सबसे आगे हैं। यूपी चुनाव 2022 का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। अखिलेश यादव ने पहले ही बिना किसी दल से गठबंधन किये ही चुनाव लडऩे की बात कही है। जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति सामने नहीं आयी है। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस भी यूपी चुनाव में अपनी पार्टी की ताकत दिखायेगी। ऐसे में चुनाव से पहले नये गठबंधन बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। गठबंधन बनता है तो उन दलों को सबसे अधिक फायदा होगा जिनके पास बड़ा जनाधार है। यदि ऐसा हुआ तो ओमप्रकाश राजभर पिछड़ सकते हैं और अनुप्रिया पटेल को बड़ा फायदा मिल सकता है।
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