यूपी की 13 सीटों पर उपचुनाव होना है इसमे प्रतापगढ़ सदर सीट भी शामिल है जहां पर यूपी चुनाव 2017 में अपना दल के संगम लाल गुप्ता ने चुनाव जीता था इसके बाद बीजेपी ने संगम लाल गुप्ता को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था और बीजेपी के सिंबल पर संगम लाल गुप्ता अब संसद में पहुंच चुके हैं उनकी खाली की गयी सीट पर उपचुनाव होना है। ऐसा देखा जाये तो इस सीट पर पहला दावा अपना दल का ही है। इसके बाद भी अनुप्रिया पटेल उपचुनाव लडऩे को लेकर सामने नहीं आ रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतापगढ़ का दौरा किया था इससे संभावना बन रही है कि यहां पर बीजेपी अपना प्रत्याशी खड़ा कर सकती है यदि ऐसा हुआ तो अपना दल को बड़ा झटका लग जायेगा। फिलहाल बीजेपी व अपना दल ने प्रतापगढ़ सदर सीट से चुनाव लडऩे को लेकर अधिकारिक ऐलान नहीं किया है।
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अनुप्रिया पटेल पर भारी पड़ा है लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी से मिलना
यूपी चुनाव 2017 के पहले बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से विधानसभा चुनाव में भी अपना दल के साथ गठबंधन का ऐलान किया था। पीएम मोदी की पहली बार बनी सरकार में अनुप्रिया पटेल मंत्री भी बनी थी। बीजेपी व अपना दल के रिश्त अच्छे थे लेकिन लोकसभा चुनाव २०१९ के पहले दोनों दलों के रिश्तों में कड़वाहट आ गयी। बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए अनुप्रिया पटेल ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से भेट कर ली। इसके बाद जब चुनाव परिणाम आये तो बीजेपी ने अपना दल के किसी नेता को पीएम मोदी सरकार में मंत्रिपद नहीं दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार में मिर्जापुर से पहली बार विधायक बने नेता को मंत्री बनाया गया, लेकिन अपना दल को कुछ नहीं मिला।
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यूपी चुनाव 2017 के पहले बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से विधानसभा चुनाव में भी अपना दल के साथ गठबंधन का ऐलान किया था। पीएम मोदी की पहली बार बनी सरकार में अनुप्रिया पटेल मंत्री भी बनी थी। बीजेपी व अपना दल के रिश्त अच्छे थे लेकिन लोकसभा चुनाव २०१९ के पहले दोनों दलों के रिश्तों में कड़वाहट आ गयी। बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए अनुप्रिया पटेल ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से भेट कर ली। इसके बाद जब चुनाव परिणाम आये तो बीजेपी ने अपना दल के किसी नेता को पीएम मोदी सरकार में मंत्रिपद नहीं दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार में मिर्जापुर से पहली बार विधायक बने नेता को मंत्री बनाया गया, लेकिन अपना दल को कुछ नहीं मिला।
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ओमप्रकाश राजभर को भारी पड़ा था बीजेपी से बगावत
ओमप्रकाश राजभर को बीजेपी से बगावत करना भारी पड़ा था ओर उन्हें कैबिनेट मंत्री पद छोडऩा पड़ा था बीजेपी व सुभासपा का गठबंधन खत्म हो जाने के बाद यूपी में बीजेपी की सबसे बड़ी सहयोगी दल अपना दल है ऐसे में अपना दल भी सीटों को लेकर विरोध करता है तो गठबंधन पर असर पड़ सकता है। सूत्रों की माने तो अपना दल अभी बीजेपी की उपचुनाव में जारी होने वाली सूची का इंतजार कर रहा है उसके बाद ही पार्टी कोई नया खुलासा कर सकती है या फिर समय आने के इंतजार करती रहेगी।
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