कौशल गुरु ने कही बड़ी बात बीएचयू के इस बंटवारे के खिलाफ आयोजन में शामिल पूर्व प्रोफेसर एवं पूर्व संकाय प्रमुख समाज विज्ञान संकाय कौशल किशोर मिश्रा ने कहा कि ‘हम लोग इस मुद्दे पर छात्रों का समर्थन क्यों नहीं करेंगे। महामना हमारे बाप हैं और हम उनेक सुपुत्र और उनेक चरणों की धूल हैं, जब महामना पर संकट आएगा तो कौन सा पापी इस देश में होगा जो महामना के परिसर से पढ़कर गया होगा और आज नहीं आएगा। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का बंटवारा करने की औकात किसके पास है। विश्वविद्यालय की एक-एक ईंट महामना जी की है। एक-एक मैदान चाहे आईआईटी हो या बीएचयू सब महामना का है। एक-एक वृक्ष महामना का है।
सोच ही गलत है, विश्वविद्यालय का विभाजन संभव ही नहीं
कौशल किशोर ने आगे कहा कि महामना की आत्मा को बांटेंगे आप, तो ये सोच गड़बड़ है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक राष्ट्र है, जिस तरह राष्ट्र का विभाजन देश की जनता स्वीकार नहीं कर सकती। उसी तरह कोई विश्वविद्यालय का विभाजन दीवार खड़ा करके कोई नहीं बर्दाश्त करेगा। ये सोच गड़बड़ है। हमारी बेटियां सुरक्षित रहें और वो गौरवमयी तरीके से पढ़ें, लिखें आगे बढ़ें सब चाहता है पर यहां दीवार कोई नहीं चाहता है। इतना बड़ा प्रशासन यहां लगा है तो क्यों नहीं सीसीटीवी कैमरों को सही करते क्यों नहीं बाहर से आने वालों को रोकते हैं, पर सबका अपना स्वार्थ है।’
कौशल किशोर ने आगे कहा कि महामना की आत्मा को बांटेंगे आप, तो ये सोच गड़बड़ है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक राष्ट्र है, जिस तरह राष्ट्र का विभाजन देश की जनता स्वीकार नहीं कर सकती। उसी तरह कोई विश्वविद्यालय का विभाजन दीवार खड़ा करके कोई नहीं बर्दाश्त करेगा। ये सोच गड़बड़ है। हमारी बेटियां सुरक्षित रहें और वो गौरवमयी तरीके से पढ़ें, लिखें आगे बढ़ें सब चाहता है पर यहां दीवार कोई नहीं चाहता है। इतना बड़ा प्रशासन यहां लगा है तो क्यों नहीं सीसीटीवी कैमरों को सही करते क्यों नहीं बाहर से आने वालों को रोकते हैं, पर सबका अपना स्वार्थ है।’
कौशल किशोर मिश्रा ने बताया दीवार के पीछे की वजह कौशल किशोर मिश्रा यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि दीवार बनाने का एक ही कारण है कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जो लोग अराजकता पैदा करना चाहते हैं। वो देश को धोखा दे रहे हैं, प्रधानमंत्री को धोखा दे रहे हैं और महामना के दर्शन को धोखा दे रहे हैं। पहले महामना को पढ़िए, समझिये और उन जैसा जिए, जब वो करेगा तब बात हो सकती है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘ये कुकुरमुत्ते और लकड़बग्घे टाइप के लोग अगर विश्वविद्यालय में आकर उसका सत्यानाश करने में लगे हैं तो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हजारों छात्र इस दुनिया में फैले हुए हैं वो इन्हे नहीं छोड़ेंगे।