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शहर में अमन उर्फ कबीर लोगों में प्रसिद्ध हो चुका है। सड़क पर पड़े लावारिस मरीज को देख कर लोग अमन को फोन करते हैं। अपनी बाइक एम्बुलेंस से पहुंच कर अमन उस मरीज की मरहम-पट्टी करता है और फिर सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा कर इलाज भी कराता है यदि मरीज के परिजनों की जानकारी मिल जाती है तो घर वालों तक सूचना तक भी अमन ही पहुंचाता है। अमन के पास आय का कोई जरिया नहीं है, लोग उसे इस काम के लिए चंदा देते हैं जिससे वह मरीजों की सेवा कर पाता है।
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अमन के पास संसाधन नहीं थे वह झोला में मरहम-पट्टी लेकर चलता था। एक व्यक्ति ने अमन के मिशन को देखते हुए अपनी बाइक दे दी। कुछ अन्य लोगों ने सहयोग कर उस बाइक को एम्बुलेंस का रुप दे दिया। बाइक में पानी, मरहम-पट्टी व कपड़े रहते हैं जो लावारिस मरीजों के काम आते हैं।
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अमन ने बताया कि कुछ लोगों ने उसे लाखों का पैकेज देने का ऑफर किया था लेकिन समाजसेवा के साथ उनकी ब्रांडिंग करनी थी मैंने मना कर दिया। मुझे लोगों से इतना चंदा मिल जाता है कि मैं लाचार मरीजों की सेवा कर लेता हूं। इससे अधिक की जरूरत नहीं है।
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अमन ने ऐसे कई काम किये हैं जो दूसरों के लिए मिसाल है। एक महिला को पागल बताते हुए उसके ससुराल वालों ने घर से भगा दिया था। जल जाने से महिला को चेहरा तक खराब हो चुका है। सड़क पर घुम रही इस महिला की अमन ने मदद की थी और 70 हजार से अधिक रुपये चंदे से जुटा कर उसकी प्लास्टिक सर्जरी करायी थी। बाहर से आये एक बुजुर्ग दम्पत्ति में पुरुष की मौत हो गयी थी। महिला अकेले रो रही थी उसके पास इतना पैसा नहीं था कि वह अंतिम संस्कार कर पाती। अमन को लोगों ने बताया कि शव को कंधा देने से लेकर अंतिम संस्कार की सारी प्रक्रिया चंदा जुटा कर पूर्ण करायी।
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