यूपी में 11 सीटों पर हुए उपचुनाव का पैमाना माना जाये तो बीजेपी को सपा ही सीधी टक्कर देती हुई दिखी। अखिलेश यादव की पार्टी ने पिछली बार से एक सीट अधिक जीत कर अपनी बदली रणनीति को दिखाया। जबकि मायावती की पार्टी बसपा खाता खोलने में ही नाकाम रही। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की पार्टी भले ही एक सीट पर जीत हासिल करने में विफल रही थी लेकिन वोट प्रतिशत बढऩे से ही पार्टी के वरिष्ठ नेता खुश थे। इस चुनाव के बाद जो तस्वीर उभर कर आयी थी उसमे अनुमान लगाया जा रहा है कि यूपी चुनाव 2022 में अखिलेश यादव बीजेपी को तगड़ी टक्कर दे सकते हैं।
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इन कारणों से अखिलेश यादव का मिल रहा बड़ा मौका
यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है, जिससे सपा को सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया है। सपा के शासन में भी कानून व्यवस्था खराब थी जिसका खामियाजा सपा को उठाना पड़ा था और बीजेपी ने इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ कर विजय हासिल की थी अब यही कहानी सपा दोहराने में जुटी हुई है।
यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है, जिससे सपा को सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया है। सपा के शासन में भी कानून व्यवस्था खराब थी जिसका खामियाजा सपा को उठाना पड़ा था और बीजेपी ने इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ कर विजय हासिल की थी अब यही कहानी सपा दोहराने में जुटी हुई है।
रोजगार की कमी से परेशान है युवा
सपा सरकार में कुछ लोगों को रोजगार मिला था लेकिन योगी सरकार में अधिकांश भर्ती फसी हुई है जिससे लोगों में निराशा बढ़ रही है। देश में आर्थिक मंदी की आहट से पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार भी परेशान है ऐसे में यूपी में युवाओं को नौकरी नहीं मिलने का नुकसान सरकार को उठाना पड़ सकता है।
सपा सरकार में कुछ लोगों को रोजगार मिला था लेकिन योगी सरकार में अधिकांश भर्ती फसी हुई है जिससे लोगों में निराशा बढ़ रही है। देश में आर्थिक मंदी की आहट से पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार भी परेशान है ऐसे में यूपी में युवाओं को नौकरी नहीं मिलने का नुकसान सरकार को उठाना पड़ सकता है।
आवारा पशुओं से बर्बाद होती किसान की फसल
सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के चलते यूपी में पशुओं की तस्करी पर बहुत असर पड़ा है। लोग अपने पशुओं को गांव में छोड़ दे रहे हैं। पर्याप्त संख्या में गोशाला नहीं होने से पशुओं की संख्या गांव में बढ़ रही है जो किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हंैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाने के साथ उनकी नाराजगी भी बढ़ती जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के चलते यूपी में पशुओं की तस्करी पर बहुत असर पड़ा है। लोग अपने पशुओं को गांव में छोड़ दे रहे हैं। पर्याप्त संख्या में गोशाला नहीं होने से पशुओं की संख्या गांव में बढ़ रही है जो किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हंैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाने के साथ उनकी नाराजगी भी बढ़ती जा रही है।
आधारभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं होना
आधारभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं होने से भी लोग नाराज है। खस्ताहाल सड़के, बढ़ता प्रदूषण, पानी की कमी आदि से लोग परेशान है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की बात की जाये तो पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी शहर की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ।
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आधारभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं होने से भी लोग नाराज है। खस्ताहाल सड़के, बढ़ता प्रदूषण, पानी की कमी आदि से लोग परेशान है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की बात की जाये तो पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी शहर की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ।
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अधिकारियों पर लगाम नहीं, लोगों को नहीं मिल रहा न्याय
सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर अधिकारी को नियंत्रित नहीं करने का आरोप लगता रहा है। प्रदेश सरकार ने लोगों की सुनवाई के पोर्टल तक बनाये हैं लेकिन उस पर समस्या का निस्तारण किये बिना ही रिपोर्ट लग जाती है जिससे भी लोगों की सरकार के प्रति निराशा बढ़ती जा रही है। इन मुद्दों को लेकर यूपी सरकार ने जल्द बड़ा काम नहीं किया तो इसका सबसे अधिक फायदा अखिलेश यादव उठा सकते हैं।
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