लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के रोकने के लिए सपा व बसपा से गठबंधन किया था। गठबंधन का सबसे अधिक लाभ मायावती को हुआ है। वर्ष 2014 में बसपा के एक भी सांसद नहीं थी लेकिन सपा गठबंधन के चलते बसपा के 10 सांसद हो गये है, जबकि सपा के पांच ही सांसद है। इतने सांसद पहले भी थे। बड़ा सवाल है कि लाभ होने के बाद भी बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन पर ब्रेक लगाने का निर्णय क्यों किया है। सूत्रों की माने तो यूपी की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के चलते ही सपा व बसपा गठबंधन पर ब्रेक लगा है। बसपा कभी उपचुनाव नहीं लड़ती है इसलिए यूपी की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी की थी और बसपा से समर्थन मांगा था। सूत्रों की माने तो बसपा ने समर्थन देने की जगह खुद ही चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है इसके बाद से ही सपा व बसपा गठबंधन में ब्रेक लग गया है।
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मायावती व अखिलेश ने नहीं किये एक-दूसरे पर हमले
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भले ही गठबंधन पर ब्रेक लगा दिया है लेकिन उन्होंने अखिलेश यादव पर किसी तरह का हमला नहीं किया है। मायावती ने यह तक कहा कि अखिलेश यादव व डिंपल यादव ने उनका बहुत सम्मान किया है। इसी तरह अखिलेश यादव ने वर्ष 2022 में सपा सरकार बनने की बात तो कही है लेकिन गठबंधन को लेकर किसी तरह का बयान नहीं दिया है। इसके पीछे यूपी चुनाव 2022 माना जा रहा है। सपा व बसपा जानते हैं कि गठबंधन को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हो जाते हैं तो बीजेपी की राह आसान हो जाती है। ऐसे में सपा व बसपा भले ही गठबंधन से अलग हो जाये। लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बने कि जरूरत पडऩे पर फिर गठबंधन न हो सके। इसके चलते ही दोनों नेता एक-दूसरे का सम्मान देना नहीं भूल रहे हैं।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने भले ही गठबंधन पर ब्रेक लगा दिया है लेकिन उन्होंने अखिलेश यादव पर किसी तरह का हमला नहीं किया है। मायावती ने यह तक कहा कि अखिलेश यादव व डिंपल यादव ने उनका बहुत सम्मान किया है। इसी तरह अखिलेश यादव ने वर्ष 2022 में सपा सरकार बनने की बात तो कही है लेकिन गठबंधन को लेकर किसी तरह का बयान नहीं दिया है। इसके पीछे यूपी चुनाव 2022 माना जा रहा है। सपा व बसपा जानते हैं कि गठबंधन को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हो जाते हैं तो बीजेपी की राह आसान हो जाती है। ऐसे में सपा व बसपा भले ही गठबंधन से अलग हो जाये। लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बने कि जरूरत पडऩे पर फिर गठबंधन न हो सके। इसके चलते ही दोनों नेता एक-दूसरे का सम्मान देना नहीं भूल रहे हैं।
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