Mukhtar Ansari and Afzal Ansari” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/04/15/ansari_4431377-m.jpg”> IMAGE CREDIT: Patrika बसपा ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है। जबकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद ही आजमगढ़ संसदीय सीट से प्रत्याशी है। ऐसे में राजनीति में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अखिलेश यादव भी अफजाल अंसारी का चुनाव प्रचार करेंगे। यूपी चुनाव 2017 के पहले बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौएद का सपा में विलय हुआ था जिसका अखिलेश यादव ने सबसे अधिक विरोध किया था इसके बाद भी शिवपाल यादव ने कौएद का सपा में विलय कराया था और कहा था कि हम मुख्तार अंसारी को नहीं उनके परिवार के अन्य सदस्यों को विधानसभा चुनाव में टिकट देंगे। इसके बाद भी अखिलेश यादव नहीं माने थे और सपा से कौएद का विलय खत्म कराया था। इसके बाद नाराज अंसारी बंधु ने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला था ओर बाद में जाकर बसपा का दामन थामा था।
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बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे ने खीची है बड़ी लकीर, कर रहे अखिलेश का प्रचार
पूर्वांचल के मुस्लिम वोटरों पर अंसारी बंधु का दबदबा रहता है। बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने बड़ी लकीर खीचते हुए आजमगढ़ में अखिलेश यादव का चुनाव प्रचार किया है। अखिलेश यादव के पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपील करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर सीएम योगी पर हमला बोला था। ऐसे में अब देखना है कि अखिलेश यादव अपनी नाराजगी दूर करते हुए अफजाल अंसारी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हैं कि नहीं।
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पूर्वांचल के मुस्लिम वोटरों पर अंसारी बंधु का दबदबा रहता है। बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने बड़ी लकीर खीचते हुए आजमगढ़ में अखिलेश यादव का चुनाव प्रचार किया है। अखिलेश यादव के पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपील करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर सीएम योगी पर हमला बोला था। ऐसे में अब देखना है कि अखिलेश यादव अपनी नाराजगी दूर करते हुए अफजाल अंसारी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हैं कि नहीं।
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गाजीपुर संसदीय सीट पर गठबंधन को मिल सकता है कांग्रेस प्रत्याशी से लाभ
गाजीपुर संसदीय सीट पर बीजेपी ने वर्तमान सांसद मनोज सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने यहां से अजीत प्रताप कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। इसी क्रम में सपा-बसपा गठबंधन के तहत बसपा ने अफजाल अंसारी को चुनाव लडऩे का टिकट दिया है। जातीय समीकरण की बात की जाये तो मनोज सिन्हा की सीट फंस सकती है। कांग्रेस प्रत्याशी यहां के मौर्या वोट को बीजेपी में जाने से रोक सकता है। जबकि सपा-बसपा को यादव, मुस्लिम व दलित वोट मिलने की उम्मीद हैं। गाजीपुर सीट का चुनाव परिणाम वहां की जनता तय करेगी। इतना अवश्य है कि इस सीट पर जबरदस्त चुनावी मुकाबला देखने के साथ अखिलेश यादव पर भी सबकी नजर रहेगी कि वह चुनाव प्रचार करते हैं कि नहीं।
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गाजीपुर संसदीय सीट पर बीजेपी ने वर्तमान सांसद मनोज सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने यहां से अजीत प्रताप कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। इसी क्रम में सपा-बसपा गठबंधन के तहत बसपा ने अफजाल अंसारी को चुनाव लडऩे का टिकट दिया है। जातीय समीकरण की बात की जाये तो मनोज सिन्हा की सीट फंस सकती है। कांग्रेस प्रत्याशी यहां के मौर्या वोट को बीजेपी में जाने से रोक सकता है। जबकि सपा-बसपा को यादव, मुस्लिम व दलित वोट मिलने की उम्मीद हैं। गाजीपुर सीट का चुनाव परिणाम वहां की जनता तय करेगी। इतना अवश्य है कि इस सीट पर जबरदस्त चुनावी मुकाबला देखने के साथ अखिलेश यादव पर भी सबकी नजर रहेगी कि वह चुनाव प्रचार करते हैं कि नहीं।
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