वाराणसी. हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार एक बार फिर कानून व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में आ गयी है। यूपी में ताबड़तोड़ मर्डर हो रहे हंै और सरकार रोकने में नाकाम साबित हो रही है। हिन्दू नेता की हत्या में विपक्षी नेताओं की भूमिका भी हैरान करने वाली है। पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर को फर्जी बता कर आंदोलन करने वाली सपा के नेता अखिलेश यादव व यूपी में जंगलराज की बात करने वाली मायावती कमलेश तिवारी मर्डर को लेकर सोशल मीडिया में चुप्पी साधे हुई है। मर्डर हुए कई घंटे बीत गये हैं लेकिन अभी तक इन दो बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया में इस मुद्दे को लेकर सक्रियता नहीं दिखायी है। जबकि यह एक ऐसा मौका था जबकि विरोधी दल के नेता सरकार को घेर सकते थे। यह भी पढ़े:-हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या से पहले इस आरएसएस कार्यकर्ता की हुई थी संदिग्ध मौत
IMAGE CREDIT: Patrika हिन्दुओं की राजनीति का दावा करने वाली बीजेपी सरकार में ही हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की निर्मम ढंग से हत्या कर दी जाती है। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पहले हिन्दू नेता को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे पाती है और मर्डर हो जाने के बाद अधिकारियों के बयान भी अलग-अलग आते हैं। एक अधिकारी मर्डर के पीछे आपसी रंजिश की बात कहते हैं जबकि डीजीपी ने साफ कहा कि मर्डर के पीछे २०१५ वाला बयान है। पुलिस जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा कर देगी। पुलिस जांच में कौन आरोपी होता है यह तो समय ही बतायेगा। इतना अवश्य है कि इतने बड़े मामले को लेकर सपा व बसपा नेताओं की सोशल मीडिया पर चुप्पी समझ से परे हैं जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार पर सबसे पहले हमला बोला था। यह भी पढ़े:-बाहुबली मुख्तार अंसारी के शूटर बेटे अब्बास ने सात देशों में दिखायी थी ताकत, सब रह गये थे दंग
IMAGE CREDIT: Patrikaयूनिवर्सिटी में मोबाइल फोन बंद को लेकर उलझे हुए है अखिलेश यादव, जबकि मायावती ने होमगार्ड को हटाने के मुद्दे पर सरकार को घेरा था अखिलेश यादव व मायावती के ट्वीटर एकाउंटर की बात करे तो दोनों ही नेता अलग-अलग मुद्दे पर उलझे हुए हैं। अखिलेश यादव यूनिवर्सिटी में मोबाइल बैन को लेकर सरकार पर हमला बोल रहे हैं, जबकि मायावती ने होमगार्ड को हटाने का मुद्दा बनाया हुआ है। सपा व बसपा के वरिष्ठ नेताओं ने जिस तरह से पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीएम योगी सरकर पर हमला बोला था उस तरह कमलेश तिवारी मर्डर को लेकर अपना विरोध नहीं दर्ज करा पा रहे हैं। विरोधी नेताओं की चुप्पी से सीएम योगी आदित्यनाथ को बड़ी राहत मिल गयी है। यह भी पढ़े:-वेस्ट चीजों से बनायी ऐसी ईट, जो बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाने देगी
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