अखिल भारतीय राजभर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिलोकी राजभर के नाम से जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि हमारा संगठन सामाजिक संगठन है यह राजनीतिक संगठन नहीं है। अखिल भारतीय राजभर एक जाति का संगठन है। इसमे शामिल लोगों की अलग-अलग राजनीतिक विचाराधारा हो सकती है। लेकिन संगठन की सामाजिक विचारधारा एक ही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में संगठन के लोगों ने जिन 17 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी वह अवैध है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान से पूर्व में जारी की गयी सूची अब सवालों के घेरे में आ गयी है। बताते चले कि अखिल भारतीय राजभर संगठन, सुहेलदेव जनता पार्टी एंव फूलन सेना ने मिल कर संयुक्त मोर्चा बनाने की बात कही थी। इसी संयुक्त मोर्चा ने प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान भी किया था। अखिल भारतीय राजभर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव रामकृष्ण भारद्वाज ने ही सभी प्रत्याशियों की सूची जारी की थी लेकिन अब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उन्हें पद से ही हटाने की बात कही है।
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ओमप्रकाश राजभर पर लगी सबकी निगाहे
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर अब सभी की निगाहे लग गयी है। बीजेपी से सीटो पर समझौता नहीं होने पर सुभासपा ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यूपी की 39 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्रनाथ पांडेय ने पहले ही सुभासपा से साथ मिल कर लडऩे की अपील की है। दूसरी तरफ बीजेपी के राज्यमंत्री अनिल राजभर ने भी सुभासपा के साथ होने की बात दोहरायी है। ऐसे में अब सभी की निगाहे सुभासपा पर लग गयी है। पीएम नरेन्द्र मोदी व अमित शाह की जोड़ी को पटखनी देने के लिए ओमप्रकाश राजभर अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाते हैं या फिर कोई अन्य निर्णय करते हैं। दो चरण के चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। ऐसे में सुभासपा के पास अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन के साथ राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस में जाने का विकल्प भी नहीं बचा है।
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सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर अब सभी की निगाहे लग गयी है। बीजेपी से सीटो पर समझौता नहीं होने पर सुभासपा ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यूपी की 39 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्रनाथ पांडेय ने पहले ही सुभासपा से साथ मिल कर लडऩे की अपील की है। दूसरी तरफ बीजेपी के राज्यमंत्री अनिल राजभर ने भी सुभासपा के साथ होने की बात दोहरायी है। ऐसे में अब सभी की निगाहे सुभासपा पर लग गयी है। पीएम नरेन्द्र मोदी व अमित शाह की जोड़ी को पटखनी देने के लिए ओमप्रकाश राजभर अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाते हैं या फिर कोई अन्य निर्णय करते हैं। दो चरण के चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। ऐसे में सुभासपा के पास अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन के साथ राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस में जाने का विकल्प भी नहीं बचा है।
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