लाश बाहर आते ही परिजन गुस्से में इमरजेंसी के पास एमआरआई डिपार्टमेंट का शीशा फोड़ दिया। इसके साथ ही कई सामान क्षतिग्रस्त कर दिया। काफी समझाने बुझाने के बाद परिजन शांत हुए। बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज पांच दिन में 60 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी। दो दिनों में 30 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी। कहा गया है कि मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुईं।
खजनी की रहने वाली रीतू 9 अगस्त को डिलीवरी के लिए परिजन बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराये थे। 10 अगस्त को रीतू ने बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन 10/11 अगस्त को लिक्विड ऑक्सीजन गैस की कमी से हुए हादसे का शिकार कुछ घंटों पहले ही दुनिया में आया नवजात भी हो गया। नवजात की मौत के बाद माँ की हालत बिगड़ने लगी। हालत खराब होने पर उसे आईसीयू में रखा गया। कई दिनों से वेंटीलेटर पर रखा गया था।
बुधवार को अचानक इस बेचारी माँ ने भी दम तोड़ दिया। माँ-बच्चे की मौत ने परिजन को अंदर से हिला कर रख दिया। परिवारीजन का सब्र भी जवाब दे गया। गुस्साएं परिजन हंगामा करने लगे। डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। इसके बाद इमरजेंसी के पास एमआरआई बिल्डिंग के गेट का शीशा तोड़ दिया। गुस्साएं परिजन ने अंदर भी तोड़फोड़ की। किसी तरह लोगों ने मनाया तो इनका गुस्सा फिर आंसुओं में तब्दील होता गया। चीख पुकार मच गई। किसी तरह लोगों ने इनको संभाला। फिर शव लेकर ये लोग चले गए।