फूलपुर पुलिस ने वर्ष 2006 में आरोपी प्रमोद कुमार यादव के खिलाफ गुंडा अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट ने 30 जुलाई 2007 को इसी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए आरोपी प्रमोद कुमार यादव को छह माह के लिए जिले की समीा से बाहर रखने का आदेश दिया था। इसी आदेश का चुनौती देते हुए आरोपी ने मंडल के आयुक्त की कोर्ट में अपील की थी। शुक्रवार को इसी मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई मेंं कहा कि प्रमोद को एक पखवारे में ५० पौधे लगाने होंगे। लगाये गये सारे पौधों की फोटो खीचनी होगी और ग्रामीणों से लगाये गये पौधे की सहमति पत्र लेना होगा। सारे दस्तावेज को कोट में जमा किया जायेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी। आरोपी यह सारे काम करेगा। तभी गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत जारी नोटिस को वापस लिया जायेगा। कोर्ट के इस निर्णय को नजीर के रुप में देखा जा रहा है। बताते चले कि बीते माह मऊ की सेशन कोर्ट ने भी एक ऐसा ही निर्णय सुनाया था। वहां की कोर्ट ने आरोपी की जमानत स्वीकार करने के लिए पौधरोपण की शर्त लगायी थी और कहा था कि कोर्ट में हाजिरी की माफी चाहिए तो न्यूनतम एक पौधा लगाना होगा। कोर्ट के इन निर्णयों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ कर देखा जा रहा है जो आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
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