वाराणसी. केन्द्रीय कर्मचारियों की निगाहे इन दिनों 7 वें वेतन आयोग पर टिकी हुई है। कर्मचारियों को विश्वास है कि दशहरे के पहले नया वेतन आयोग उन्हें मिल जायेगा और उनकी जेब भर जायेगी। केन्द्र सरकार ने भी जो संकेत दिये हैं उसके अनुसार जल्द ही नया वेतन आयोग लागू होगा और दीपावली के पहले सभी कर्मचारियों को एरियर भी मिल जायेगा। पत्रिका ने जब कर्मचारी नेता से इस संदर्भ में जानना चाहा तो उन्होंने साफ कर दिया कि नया वेतन आयोग सिर्फ छलावा है, कर्मचारियों को नियमानुसार जितना पैसा मिलना चाहिय उतना नहीं मिल पायेगा। कर्मचारी नेता की माने तो पहले सरकार 7 वें वेतन आयोग को देने नहीं चाहती है, यदि सरकार पर दबाव पड़ता है तभी नया वेतन आयोग लागू किया जायेगा। 7 वें वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतन 18 हजार कर दिया गया है, जबकि महंगाई को देखते हुए एवं सरकारी नियमों के अनुसार जितना वेतन वृद्धि होनी चाहिए थी वह नहीं हुई है। कर्मचारी नेता की माने तो सरकारी नियमानुसार सारी परिस्थतियों को देखते हुए न्यूनतम वेतन 26 हजार होना चाहिए, जो नहीं किया गया है। नौकरी पर लटकेगी तलवार कर्मचारी नेता की माने तो 7 वें वेतन आयोग में मैनेजमेंट को इतनी अधिक ताकत दी गयी है कि कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक जायेगी। श्रम कानूनों के मुताबित नियोक्ता की पावर बढ़ जायेगी और वह कर्मचारी को निकाल भी सकेगा। बेसिक की 3.2 प्रतिशत बढ़ोतरी होनी चाहिए केन्द्र सरकार ने 7 वें वेतन आयोग में बेसिक के 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है, जबकि नियमानुसार यह बढ़ोतरी 3.2 प्रतिशत होनी चाहिए। दर्ज करा चुके हैं विरोध नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के शाखा सचिव राजेश सिंह ने बताया कि केन्द्रीय कर्मचारियों ने वेतन विसंगति को लेकर विरोध दर्ज कराया है। केन्द्र सरकार ने समस्या के समाधान के लिए कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी है जहां पर हम लोगों ने अपनी बात रख दी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, यदि हम लोगों की आपत्तियों के निस्तारण के बिना ही 7 वां वेतन आयोग लागू किया जाता है तो हम लोग आंदोलन तक करेंगे।