जन्म के दो साल बाद ही छूट गया पिता का साथ लाल बहादुर शास्त्री का जन्म साल 1904 में हुआ। उनके जन्म के ठीक दो साल बाद उनके पिता शारदा प्रसाद का देहांत हो गया। ऐसे में उनकी माता पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। लाल बहादुर शास्त्री के पिता इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। उनकी मृत्यु के बाद बच्चों की देख भाल और उनकी जिम्मेदारी रामदुलारी देवी के ऊपर आ गई। रामदुलारी बच्चों को लेकर मिर्जापुर अपने मायके चली गगईं पर पिता की भी दो साल बाद मृत्यु हो गई।



लाल बहादु शास्त्री की शादी मिर्जापुर की ललिता शास्री से हुई थी, जब तक लाल बहादुर शास्त्री जिंदा रहे ललिता शास्त्री ने इस रसोई को सम्भाला। उन्होंने ने भी अपने 6 बच्चों को इसी रसोई में बनाकर स्वादिष्ट व्यंजन खिलाए पर प्रधानमत्री के देहावसान के बाद उन्होंने यहां रहने से मना कर दिया क्योंकि प्रधानमंत्री भी यहां बस त्योहारों पर आते थे बाकी दिन दिल्ली ही रहते थे। प्रधानमंत्री की मौत के बाद जब सरकार ने यहां रहने के लिए कहा तो उन्होंने कहा की जब वो ही यहाँ कम रहे तो अब मै अकेले कैसे रहूंगी।