फ्लैट में मंदिर (Temple In Flat)
जब भी आप नया घर बनवाते हैं या फिर नया घर खरीदते हैं तो उस समय भगवान के मंदिर के लिए कोई जगह जरूर बनाना चाहते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार फ्लैट में मंदिर की जगह तय करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और जीवन में शुभता आती है। कई लोग अलग से लकड़ी या पत्थर के मंदिर लाकर घर में रखते हैं, क्या आपको पता है फ्लैट में मंदिर के वास्तु टिप्स… यह भी पढ़ेः नरक चतुर्दशी पर कितने दीपक जलायें, जाने नरक चतुर्दशी पर दीपदान का मुहूर्त 1. वास्तु शास्त्र के अनुसार फ्लैट(Vastu Tips For Temple In Flat) में मंदिर रखने की सबसे शुभ दिशा पूर्व होती है, अगर ऐसा संभव नहीं है तो अपने फ्लैट के उत्तर दिशा में भी मंदिर रख सकते हैं, लेकिन किसी भी हालत में फ्लैट की दक्षिण दिशा में मंदिर नहीं रखना चाहिए।
2. वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर या पूर्व दिशा में बैठकर पूजा करना शुभफल देने वाला होता है। इससे मन को शांति मिलती है और पूजा में ध्यान लगता है। इसके परिणामस्वरूप व्याक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
3. वास्तुशास्त्र के अनुसार मंदिर में भगवान की मूर्तियों को स्थापित करने की दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। मंदिर में भगवान विष्णु, शंकर जी, सूर्य भगवान, कार्तिकेय, गणेश जी और दुर्गा माता की मूर्तियों को पूर्व में रखना चाहिए, जिससे उनका मुंह पश्चिम की ओर हो। वहीं भैरव बाबा, कुबेर और हनुमान जी की मूर्तियों का मुंह दक्षिण दिशा की ओर रखा जाता है।
4. वास्तु शास्त्र के अनुसार फ्लैट में मंदिर को कभी सीढ़ियों के नीचे नहीं बनवाना चाहिए। ऐसा करने से व्याक्ति के जीवन में परेशानियां आने लगती हैं और घर के सदस्यों की आर्थिक तरक्की भी बाधित हो जाती है।
5.वास्तु के अनुसार घर के मंदिर को कभी भी बेसमेंट में नहीं बनवाना चाहिए, इससे पूजा का फल नहीं मिलता है। 6. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर या पूजा घर का रंग हमेशा सफेद या क्रीम कलर का होना चाहिए।
7. वास्तु के अनुसार पूजा का स्थान हमेशा स्वच्छ और साफ-सुथरा होना चाहिए। 8. वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर में कभी भी टूटी या खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। खंडित मूर्तियों के दुष्प्रभाव होते हैं।
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