वास्तु टिप्स

Vastu Tips For House: आपकी अनिद्रा, सिरदर्द या बेचैनी का कारण हो सकता है नया घर, जानें घर के जरूरी वास्तु टिप्स

Vastu Tips For House: सपनों का घर बनाना हर व्यक्ति की चाहत होती है, लेकिन इसमें थोड़ी असावधानी आपकी मुसीबत बन सकती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार आप जो घर खरीद रहे हैं या बनवा रहे हैं, वास्तु अनुरूप नहीं हैं तो आप बड़ी मुसीबत में पड़ने वाले हैं। आइये जानते हैं कैसे होता है वास्तु दोष और इनसे कौन सी परेशानियां हो सकती हैं …

जयपुरOct 18, 2024 / 08:44 am

Pravin Pandey

वास्तु टिप्स

Vastu Tips For House: वास्तु शास्त्र के अनुसार दश दिशाएं, किसी न किसी तरह की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं, इन ऊर्जा का असंतुलन या अशुद्धि घर में वास्तु दोष पैदा करता है। इससे कई तरह के नुकसान हो सकते हैं, विशेष रूप से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास से आइये जानते हैं वास्तु दोष के कारण कैसी परेशानियां हो सकती हैं…


अनिद्रा

वास्तुशास्त्र में पूर्व तथा उत्तर दिशा का हल्का और नीचा होना तथा दक्षिण व पश्चिम दिशा का भारी व ऊंचा होना अच्छा माना गया है। यदि पूर्व दिशा में भारी निर्माण हो और पश्चिम दिशा एकदम खाली व निर्माण रहित हो तो अनिद्रा का शिकार होना पड़ सकता है।
उत्तर दिशा में भारी निर्माण हो लेकिन दक्षिण और पश्चिम दिशा निर्माण रहित हो तो भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। अनिद्रा से आपको कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं तो इस वास्तु का ध्यान रखकर आप स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

चक्कर, बेचैनी और सिरदर्द

वास्तु विशेषज्ञ डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि गृहस्वामी अग्निकोण या वायव्य कोण में शयन करें या उत्तर में सिर व दक्षिण में पैर करके सोएं तब भी अनिद्रा या बेचैनी, सिरदर्द और चक्कर जैसी परेशानी हो सकती है, जिसके कारण दिन भर थकान की समस्या हो सकती है। धन आगमन और स्वास्थ्य की दृष्टि से दक्षिण या पूर्व की ओर पैर करना अच्छा माना गया है।

हार्ट अटैक, लकवा, हड्डी और स्नायु रोग

वास्तु विशेषज्ञ डा. अनीष व्यास ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार या हल्की चाहरदीवारी अथवा खाली जगह होना शुभ नहीं है। ऐसा होने से हार्ट अटैक, लकवा हड्डी एवं स्नायु रोग संभव हैं। अतः यहां प्रवेश द्वार या खाली जगह छोड़ने से बचना चाहिए।
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हड्डी के रोग

डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि रसोई घर में भोजन बनाते समय यदि गृहणी का मुख दक्षिण दिशा की ओर है तो त्वचा एवं हड्डी के रोग हो सकते हैं। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन पकाने से पैरों में दर्द की संभावना भी बनती है। इसी तरह पश्चिम की ओर मुख करके खाना पकने से आंख, नाक, कान एवं गले की समस्याएं हो सकती हैं। पूर्व दिशा की ओर चेहरा करके रसोई में भोजन बनाना स्वास्थ्य के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

वायु रोग और रक्त विकार

डॉ. व्यास के अनुसार दीवारों पर रंग-रोगन भी ध्यान से कराना चाहिए। काला या गहरा नीला रंग वायु रोग, पेट में गैस, हाथ-पैरों में दर्द, नारंगी या पीला रंग ब्लड प्रेशर, गहरा लाल रंग रक्त विकार या दुर्घटना का कारण बन सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए दीवारों पर दिशा के अनुरूप हल्के एवं सात्विक रंगों का प्रयोग करना चाहिए।

जोड़ों का दर्द और गठिया

वास्तु शास्त्र के अनुसार, ध्यान रहे कि आपके भवन की दीवारें एकदम सही सलामत हों, उनमें कहीं भी दरार या रंग रोगन उड़ा हुआ या फिर दाग-धब्बे आदि न हों वरना वहां रहने वालों में जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर दर्द, सायटिका जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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