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वास्तु शास्त्र टिप्स: (Vastu Sastra Tips)
वास्तु शास्त्र के अनुसार हर दिशा किसी न किसी तत्व, देवता और ग्रह की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मेन गेट बनवाने में असावधानी इन ऊर्जा में असंतुलन कर सकता है, जबकि वास्तु नियमों का पालन कर इन ऊर्जा में संतुलन लाया जा सकता है, जो आपके लिए शुभ फलदायक होती है।वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा:(East direction according to Vastu Shastra)
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में घर का मुख्य द्वार या खिड़की होना सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। ऊष्मा के प्रमुख स्रोत सूर्य का उदय इसी दिशा में होता है और इस दिशा में घर का मेन गेट होने से सूर्य की किरणें सीधे घर में प्रवेश करेंगी, जो अच्छा है। इसलिए घर का मुख्य द्वार या इस दिशा में खिड़की बहुत ही शुभ मानी जाती है। इससे घर में नकारात्मकता नहीं आती है। माना जाता है कि इस दिशा में पूजा का कमरा, स्टड़ी रूम, बेडरूम आदि रखना चाहिए। ये भी पढ़ेः लाइफ में पॉजीटिविटी के लिए सीलिंग में कराएं ये कलर, वास्तु शास्त्र से जानें किस दिशा के लिए कौन सा रंग अच्छा
वास्तु अनुरूप ही घर में रंगों का करें इस्तेमाल (Vastu Shastra Colour Tips For Home)
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में बड़ी-बड़ी खिड़कियां दरवाजे तो रखने ही चाहिए, इस दिशा में हरे रंग के पर्दें भी लगाने चाहिए। इस दिशा में सूरजमुखी और गेंदे के फूल भी लगाना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं घर के मेन गेट के वास्तु नियम…मेन गेट के लिए वास्तु नियम (Vastu Tips For Positive Energy In Home)
1. वास्तु नियमों के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम में होना चाहिए, क्योंकि इन दिशाओं को द्वार बनाने के लिए वास्तु शास्त्र में शुभ माना जाता है।2. वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर दूसरी तरफ, घर के मुख्य द्वार को दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशाओं में बनाने से बचना चाहिए, वास्तु शास्त्र में इन दिशाओं में मेन गेट रखना शुभ नहीं माना जाता हैं।
3. यदि आपका घर पूर्वमुखी है तो घर का प्रवेश द्वार उत्तर-पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं, ताकि मुख्य दरवाजे से सूर्य की रोशनी घर के भीतर आए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जिसका प्रभाव घरवालों पर पड़ता है।
4. वास्तु नियमों के अनुसार घर का मुख्य द्वार घर के बाकी दरवाजों में सबसे बड़ा होना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा द्वार घर के सदस्यों को तरक्की देने में मदद करता है और घर के लोगों को भी स्वस्थ रखता है।
5. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए। क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा के आगमन का रास्ता है। इसी के साथ आपको मुख्य दरवाजे के पास कूड़ेदान, टूटी कुर्सी, टेबल या जूते-चप्पल आदि चीजों को रखने से बचना चाहिए।
6. वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य दरवाजे पर काले रंग का कलर नहीं करना चहिए। यह रंग उदासी, अहंकार, नकारात्मक भावनाओं को जन्म दे सकता है।
7. मुख्यद्वार कभी भी बहुत भारी नहीं बनाना चाहिए, ऐसा होने से सकारात्मक ऊर्जाएं अवरुद्ध होती हैं।
8. वास्तु के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा लकड़ी का बना होना चाहिए। इसकी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि इसे खोलते या बंद करते वक्त कर्कश आवाज नहीं आनी चाहिए।
9. वास्तु के अनुसार मुख्य दरवाजे हमेशा साफ होने चाहिए। इससे घर से नकारात्मकता दूर होती है।