राज्य में डॉक्टरों की कमी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से अनुबंध के आधार पर रिटायर्ड डॉक्टरों को नियुक्त करने का फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का कहना है, “जिन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, उन्हें उन विभागों को सूचीबद्ध करना चाहिए। डॉक्टरों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से अनुबंध के आधार पर तैनात किया जा सकता है।
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डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का कहना है कि यूपी के लोगों को कोई परेशानी ना हो इसलिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है । प्रदेश के सरकारी अस्पतालों जो दवाएं उपलब्ध ना हो उसकी व्यवस्था कराई जा रही है । दवाईयां अस्पतालों द्वारा स्थानीय स्तर पर खरीद कर प्राप्त की जानी चाहिए। दवाओं की स्थानीय खरीद के लिए सरकार अस्पतालों को बजट आवंटित कर रही है। मरीजों की कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के पास ही स्वास्थ्य विभाग का मंत्रालय है । यूपी में आए दिनों अस्पतालों में अव्यवस्था देखने को मिलती है। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग का बहुत बुरा हाल है। प्रदेश में कई सीएचसी केन्द्र ऐसे हैं जहां पर ना तो डॉक्टर हैं, वह बंद पड़ा हुआ है । इसके अलावा बड़े सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की कमी देखने को मिलती है ।
रिटायर्ड डॉक्टरों का अनुभव काम आएगा : बृजेश पाठक
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का कहना है कि रिटायर्ड डॉक्टरों को नियुक्त करने से दो तरह से मदद मिलेगी। पहला उनके अनुभव से रोगियों को मदद मिलेगी, विशेष रूप से पुरानी बीमारियों के निदान में और दूसरा, डॉक्टरों की उपलब्धता में वृद्धि होगी।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का कहना है कि रिटायर्ड डॉक्टरों को नियुक्त करने से दो तरह से मदद मिलेगी। पहला उनके अनुभव से रोगियों को मदद मिलेगी, विशेष रूप से पुरानी बीमारियों के निदान में और दूसरा, डॉक्टरों की उपलब्धता में वृद्धि होगी।