जमीन विवाद था रिश्वत का कारण फौज में कार्यरत ओमकार सिंह का अपने भाई के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। कुछ दिनों पहले दोनों के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद चौकी इंचार्ज ने ओमकार सिंह को हिरासत में लिया और उसके खिलाफ मारपीट की धारा में मामला दर्ज कर शांति भंग का चालान किया, जबकि उसके भाई को छोड़ दिया। चौकी प्रभारी ने भाई पर कार्रवाई करने और ओमकार का मुकदमा खत्म करने के बदले 50 हजार रुपये की मांग की, जिसे बाद में 20 हजार रुपये में तय कर लिया गया।
एंटी करप्शन टीम का जाल और गिरफ्तारी ओमकार सिंह ने चौकी इंचार्ज की रिश्वतखोरी की शिकायत एंटी करप्शन टीम से की। टीम ने योजना बनाकर ओमकार को 20 हजार रुपये के साथ बुलाने की व्यवस्था की। बुधवार को जब ओमकार ने चौकी इंचार्ज को शाहपुर मोड़ पर पैसे दिए, तो एंटी करप्शन टीम ने हरगोविंद सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस विभाग में मची खलबली चौकी इंचार्ज हरगोविंद सिंह यादव को गिरफ्तार कर उझानी थाने लाया गया, जहां उसके खिलाफ रिश्वत लेने की रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके बाद टीम उसे बरेली ले गई। इस घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है, और एंटी करप्शन की इस कार्रवाई को विभाग में गंभीरता से लिया जा रहा है।
आगे की कार्रवाई जारी भ्रष्टाचार निवारण संगठन के सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि आरोपी दरोगा को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है, और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।