सीतापुर में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें सीतापुर, लहरपुर, बिसवां, सेवता और महमूदाबाद विधानसभा सीटें हैं। पांच विधानसभा सीटों में से चार पर भाजपा काबिज है। भाजपा ने यह सीट 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा से छीनी थी। इससे पहले 1999, 2004 और 2009 में लगातार इस सीट पर बसपा का कब्जा रहा था।
सीतापुर लोकसभा सीट का इतिहास
सीतापुर लोकसभा सीट पर पहली बार आम चुनाव साल 1952 में हुआ था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई की पत्नी उमा नेहरू ने चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंची थीं। इसके बाद उन्होंने 1957 में जीत का डंका बजाया। हालांकि, 1962 के चुनाव में जनसंघ के उम्मीदवार सूरजलाल वर्मा के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा।पिछली दो लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के राजेश वर्मा जीत रहे हैं।
अलीगढ़ का जातीय समीकरण
सीतापुर लोकसभा क्षेत्र की गिनती उत्तर प्रदेश की उन सीटों में होती है जहां पर कुर्मी वोटरों की संख्या निर्णायक है। इस सीट पर करीब 18 लाख वोटर्स हैं। इनमें से 81 प्रतिशत वोटर ग्रामीण हैं, जबकि शहरी एरिया मात्र 19 फीसदी ही है। इनमें करीब 27 फीसदी दलित वोटर हैं। इसके साथ ही कुर्मी वोटर्स की संख्या करीब 12 फीसदी है। अन्य पिछड़े वर्गों की तादाद भी 28 प्रतिशत के आसपास है। ऐसे में दलित- पिछड़े वोटर भी उम्मीदवार को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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