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Sisamau Assembly By-election 2024 उत्तर प्रदेश के कानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने बीते 7 जून को विधायक इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान सोलंकी को 7 साल की सजा सुनाई थी। इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले की रोक और जमानत की मांग की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी को आगजनी के मामले में जमानत मंजूर कर ली। लेकिन 7 साल की सजा पर रोक नहीं लगाई गई है। जमानत के बाद भी इरफान सोलंकी जेल से निकलना नहीं हो पायेंगे। क्योंकि दूसरे अन्य कई मामले चल रहे हैं। यूपी सरकार सजा बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट गई यूपी सरकार भी एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट गई है। जिसमें 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्र कैद में बदलने की मांग कर रही है। जिसको लेकर याचिका दायर की गई थी। इस संबंध में सीनियर सरकारी वकील ने बताया कि सरकार की अपील पर अदालत ने अभी फैसला नहीं दिया है। इस पर आगे बहस होगी।
क्या है मामला? जाजमऊ थाना क्षेत्र के डिफेंस कॉलोनी की रहने वाली नजीर फातिमा ने इरफान सोलंकी, रिजवान सोलंकी, शौकत, शरीफ, इजराइल आटावाला आदि पर प्लाट में बने झोपड़ी में आग लगाने का मुकदमा दर्ज कराया था। नजीर फातिमा ने अपनी तहरीर में बताया था कि 7 नवंबर 2022 की रात 8 बजे जब अपने परिवार के साथ शादी में गए थी। तो इरफान और उसके साथियों ने घर में आग लगा दी। जिससे उसके घर में रखा सामान जल गया था। इस मामले में सभी नामजद जेल में बंद है।