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लखनऊ में बना 136.675 फीट ऊंचा मां दुर्गा का पंडाल, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में होगा नाम दर्ज

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विश्व का सबसे ऊंचा मां भगवती का पंडाल बना हुआ है। जिसकी ऊंचाई 136.675 फीट है। इस पंडाल को बनाने में करीब 1 साल से तैयारियां चल रही थी । मां दुर्गा का पंडाल 52 कारीगरों ने मिलकर बनाया है।

Oct 04, 2022 / 11:46 am

Anand Shukla

शारदीय नवरात्रि का दिन चल रहा है । ऐसे में जगह जगह पर मां भगवती का पंडाल लग रहा है और पूजा पाठ हो रहा है । इसी क्रम में प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम स्थित सेक्टर एफ में विश्व का सबसे ऊंचा मां दुर्गा का पंडाल बना हुआ है । जिसकी ऊंचाई 136.675 फीट है । पंडाल बनाने वाले सौरभ बंदोपाध्याय ने बताया है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड वालों ने माना है कि मां भगवती का पंडाल विश्व का सबसे ऊंचा है और वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होगा ।
बंगाल से लाए गए हैं कारीगर
मां भगवती का पंडाल कुल 52 कारीगरों ने मिलकर बनाया है। इसमें से 42 कारीगर करीब 1 साल से जुड़े हुए हैं लेकिन 10 करीगर बाद में लाए गए हैं। वें 10 करीगर बंगाल से आए हैं जिन्हें बंगाली के सिवा कुछ नहीं आता है लेकिन ऊंचाई का पंडाल बनाने में उन्हें महारत हासिल है। विश्व का सबसे ऊंचा पंडाल बनाने में इन कारीगरों को करीब 1 साल का समय लगा है।
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असम से मंगवाएं गए हैं बांस
उत्सव संस्था के चेयरपर्सन सौरभ का कहना है कि विश्व का सबसे ऊंचा पंडाल बनाने के लिए हमें लंबा बांस की आवश्यकता थी जोकि 32 से 34 फीट लंबे बांस चाहिए था लेकिन इतनी ऊंचाई के बांस यूपी में मिल पाना अंसभव था। तब हमने खोजना शुरू किया और असम में इतना लंबा बांस मिला। इसके बाद हमने 6 माह पूर्व ही बांस का आर्डर दे दिया । इस पंडाल बनाने में कुल 12 हजार बांस लगे हुए हैं । सबसे दिक्कत बांस के साथ यह हुई कि इतना लंबा सीधा नहीं था जोकि ऊपर से मुड़े हुए थे बाद में सीधा में बहुत दिक्कत हुई ।
चंद्रोदय मंदिर जैसा दिख रहा पंडाल
सौरव बंद्योपाध्याय ने बताया कि यह पंडाल बिल्कुल चन्द्रोदय मंदिर जैसा नजर आएगा। इस पंडाल को भूकम्प रोधी बनाया गया है। इसे बनाने में लगातार इस बात का ध्यान रखा गया है कि यह पूरी मजबूती के साथ खड़ा रहा। इसके बगल में दो छोटे छोटे पंडाल बनाए गए हैं। अगर भूकंप भी आ जाये तो वें दोनों छोटे पंडाल गिर सकते हैं लेकिन यह पंडाल नहीं गिर सकता है ।
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पंडाल को तोड़ने में 20 दिन का समय लगेगा
बंदोपाध्याय दुखी होकर बताते हैं कि आने वाली 5 तारीख को दशहरे के दिन सबसे ज्यादा उन्हें दुख होगा क्योंकि वह अपने हाथों से इस पंडाल के सबसे ऊपरी हिस्सा को तोड़ेगे। इसे तोड़ने में कुल 20 दिन लगेगा और बनाने में 1 साल का समय लगा है।
बंगाल में बना था 135 फीट ऊंचा पंडाल
इससे पहले 135 फीट ऊंचाई का पंडाल 2021 में पश्चिम बंगाल के लेकटाउन में बनाया गया था। जो देखने में एकदम से दुबई का बुर्ज खलीफा लगता था। लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल से परमीशन न मिलने की वजह से, इसमें लाइटिंग नहीं हो पाई और इसे अगले ही दिन बंद करना पड़ा।

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