साल 2019 जब देश में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगा और लोगों को अपने घर वापिस लौटना पड़ा । तब कुमार कन्हैया को भी अपने गांव वापस आना पड़ा। उस दौरान कुमार कन्हैया सिंह जमीन से जुड़ी कहानियां तलाशने में जुट गए। उसी समय जिला बेगुसराय का एक जवान सीमा पर शहीद हुआ । तिरंगा में लिपकर आया शव को उसके परिवार वालें सह नहीं पा रहे थे। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल था। उसी बीच नेताओं का शहीद फौजी के घर आना शुरू हुआ। नेता लोग उसके घर आते और फोटो खिंचवा कर चले जाते। घर वालों अपने शहीद बेटे के याद में दु:ख का आंसू रोने नहीं पा रहे थे ।
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इस दर्द को कुमार कन्हैया सिंह ने समझकर शहादत पर एक “गोल्ड स्टार” पुस्तक लिखी है। इस कहानी पर बॉलीवुड के कई फिल्म नेताओं ने कन्हैया कुमार से सीरीज बनाने के लिए संपर्क किया है। बचपन में मिला अभिनेता बनने का साधु से आशीर्वाद
बिहार के बेगूसराय में जन्मे कुमार कन्हैया सिंह अभिनेता और लेखक हैं। बताया जा रहा है कि जब कुमार कन्हैया सिंह छोटे थे तब उनके द्वार पर एक साधु आया तो उनकी मां ने साधु को प्रणाम करने को कहा। उन्होंने साधु को प्रणाम किया और साधु ने आशीर्वाद दिया कि तुम्हारा बेटा बड़ा होकर फिल्म जगत में नाम करेगा।
बस तभी से कुमार कन्हैया सिंह का फिल्म जगत में कुछ करना उनका सपना बनना बन गया है। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरी से जुट गए। इसके अलावा वे सामाजिक सेवा करना नहीं छोड़ा । कुमार कन्हैया चाहते हैं कि गांव के कहानियों को फिल्म के परदे पर लाया जाए। इसके लिए वह काम करना शुरू कर चुके हैं।
बिहार के बेगूसराय में जन्मे कुमार कन्हैया सिंह अभिनेता और लेखक हैं। बताया जा रहा है कि जब कुमार कन्हैया सिंह छोटे थे तब उनके द्वार पर एक साधु आया तो उनकी मां ने साधु को प्रणाम करने को कहा। उन्होंने साधु को प्रणाम किया और साधु ने आशीर्वाद दिया कि तुम्हारा बेटा बड़ा होकर फिल्म जगत में नाम करेगा।
बस तभी से कुमार कन्हैया सिंह का फिल्म जगत में कुछ करना उनका सपना बनना बन गया है। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरी से जुट गए। इसके अलावा वे सामाजिक सेवा करना नहीं छोड़ा । कुमार कन्हैया चाहते हैं कि गांव के कहानियों को फिल्म के परदे पर लाया जाए। इसके लिए वह काम करना शुरू कर चुके हैं।
अभिनय मेरा लक्ष्य है : कुमार कन्हैया सिंह
कुमार कन्हैया सिंह का मुख्य लक्ष्य अभिनय है। परदे पर उनका अभिनय नकली ना लगे इसके लिए वह खुद को दूर नहीं करना चाहते हैं। कुमार कन्हैया को सिनेमा का चस्खा उनके पिता से लगा। उनके पिता खूब सारी फिल्में देखा करते थें और वह भी अपने पिता के साथ फिल्म देखने जाया करते थे । यहीं से उनका लगाव सिनेमा जगत में लगने लगा ।
कुमार कन्हैया सिंह का मुख्य लक्ष्य अभिनय है। परदे पर उनका अभिनय नकली ना लगे इसके लिए वह खुद को दूर नहीं करना चाहते हैं। कुमार कन्हैया को सिनेमा का चस्खा उनके पिता से लगा। उनके पिता खूब सारी फिल्में देखा करते थें और वह भी अपने पिता के साथ फिल्म देखने जाया करते थे । यहीं से उनका लगाव सिनेमा जगत में लगने लगा ।
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राष्ट्रपति से मिल चुका है बेस्ट स्काउट पुरस्कारकुमार कन्हैया एक्टिंग के अलावा समाज सेवा और राष्ट्रसेवा में अपना समय देते हैं । पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हाथों बेस्ट स्काउट का पुरस्कार भी पा चुके हैं। इसका श्रेय वह अपने गुरू अजय को देते हैं । वह कहते है कि अजय सर ही वह शख्स रहे जिन्होंने उनको गोष्ठियों, लघु नाटकों और दूसरी सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया।