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Good News: केले की खेती बनी यूपी के किसानों की पहली पसंद, परंपरागत फसलों को पीछे छोड़ा

Good News:कम समय में अधिक मुनाफा, योगी सरकार की मदद से किसानों की पहली पसंद बनी केले की खेती।

लखनऊOct 07, 2024 / 04:24 pm

Ritesh Singh

YogiGovernment

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 Good News: उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच केले की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसकी वजह है कम समय में अधिक मुनाफा और साल भर इसकी मांग बने रहना। राज्य के पूर्वांचल और अवध क्षेत्रों के कई जिलों जैसे कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, महाराजगंज, अयोध्या, गोंडा, बहराइच, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, प्रतापगढ़, अमेठी, कौशांबी, सीतापुर और लखीमपुर में केले की खेती परंपरागत फसलों का अच्छा विकल्प बनकर उभरी है।
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योगी सरकार से मिलने वाली मदद से केले की खेती बनी फायदेमंद

योगी सरकार किसानों को केले की खेती के लिए प्रेरित कर रही है। सरकार ने प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 31,000 रुपये का अनुदान देने का प्रावधान किया है। इसके अलावा कृषि यंत्रों, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली और सोलर पंप पर भी अनुदान दिया जा रहा है। इन सरकारी योजनाओं के चलते किसान केले जैसी नकदी फसलों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है।

दक्षिण भारत से उत्तर भारत तक केला की सफलता की कहानी

हालांकि परंपरागत रूप से केला दक्षिण भारत की फसल है, लेकिन समय के साथ इसका प्रसार उत्तर भारत के कई राज्यों में हो चुका है। महाराष्ट्र के भुसावल से लेकर बिहार के नौगछिया तक, केले की खेती में तेजी आई है। बिहार से सटे कुशीनगर के किसान भी बड़े पैमाने पर केला उगा रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश में भी केले की खेती का विस्तार हो रहा है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है।
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उत्तर प्रदेश में केले की खेती का विस्तार

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ से मिले आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में लगभग 70,000 हेक्टेयर भूमि पर केले की खेती हो रही है। इस पर कुल उत्पादन 3.172 लाख मीट्रिक टन है, जबकि प्रति हेक्टेयर उपज 45.73 मीट्रिक टन है। केले की खेती न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी साबित हो रही है।

धार्मिक और पोषणीय महत्व

केला केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि धार्मिक और पोषणीय दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। धार्मिक अनुष्ठानों में केले का विशेष महत्व है, और व्रत-त्योहारों में इसका सेवन आम बात है। केले के पौष्टिक तत्वों में पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन बी-6 शामिल हैं, जो हृदय स्वास्थ्य और रक्तचाप प्रबंधन में सहायक होते हैं।
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केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन के अनुसार केले का पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, और यह हृदय रोग के जोखिम को 27 फीसद तक कम कर सकता है।

पूरे साल उपलब्ध और पोषण से भरपूर केला

केला अन्य फलों की तुलना में पूरे साल उपलब्ध रहता है, जिससे यह बाजार में हमेशा मांग में बना रहता है। इसे आसानी से छीलकर खाया जा सकता है, जिससे यह और भी सुविधाजनक बन जाता है। केला न केवल पोषण से भरपूर है, बल्कि यह ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत है।
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केले की खेती उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो रही है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। सरकार की मदद से किसानों को केले की खेती में अधिक लाभ मिल रहा है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है।

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