कमरे के अंदर सो रहा था परिवार
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के खरपरी कांड के आरोपी को सुधीर कुमार की अदालत ने दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है। आज से करीब 4 वर्ष पहले मैनपुरी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला खरपरी में हत्यारे ने पांच लोगों को कमरे में अंदर बंद करके जिंदा जला दिया था। इस जघन्य हत्याकांड के आरोपी मुरारी पुत्र मनीराम निवासी माधव नगर को पुलिस ने गिरफ्तार न्यायालय के समक्ष पेश किया था। इसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करते हुए अदालत को बताया था कि वर्ष 2020 में रंजिश के चलते इसने राम बहादुर उसकी पत्नी सरला देवी उसकी बेटी संध्या उर्फ रोहिणी और शिखा समेत पोते ऋषि को रात में सोते हुए कमरे में अंदर बंद करके जिंदा जला दिया था। सभी सदस्य इस घटना में मारे गए थे। इसने मिट्टी का तेल डालकर उन पर आग लगा दी थी।
धारा 302 के तहत सुनाई गई सजा ( Court Order )
जिला शासकीय अधिवक्ता पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पत्रावली पर आए साक्ष्य और गवाहों की गहावी के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है और धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई। सामूहिक हत्याकांड के आरोपी को सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि इसे तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक इसकी मौत ना हो जाए।
बाहर से कमरे का गेट बंद करके लगा दी थी आग
इस जघन्य हत्याकांड की वारदात को अंजाम देने वाले हत्यारे ने कमरे में सो रहे इस पूरे परिवार पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी। गेट को बाहर से बंद कर दिया इस घटना में एक बच्ची समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 16 वर्ष और 18 वर्ष की दो युवतियों और एक दो वर्षीय बालक समेत दंपति शामिल था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि मुरारी लाल ने डीजे पर हुए झगड़े के दौरान राम बहादुर से बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था।