पूरा मामला क्या है ?
दरअसल लखनऊ-दिल्ली राजमार्ग (NH-24) को चौड़ा किया जा रहा है और रास्ते में कछियानी केरा गांव में हनुमान मंदिर पड़ने की वजह से राजमार्ग को चौड़ा करने में दिक्कत हो रही है । जिससे कि कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा था। अस्मत उल्ला खां उर्फ बाबू अली ने इस परेशानी को समझा और अपनी 1 बीघा जमीन को राज्य प्रशासन के नाम कर दिया। जहां पर अब हनुमान मंदिर को शिफ्ट किया जाएगा।
वाराणसी : बीजेपी नेता को बदमाशों ने लाठी- डंडे से पीट पीटकर मार डाला, 2 दरोगा और 9 पुलिसकर्मी सस्पेंड
अस्मत उल्ला खां उर्फ बाबू अली का जमीन ठीक मंदिर के पीछे पड़ रहा था । वह हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल को पेश करते हुए अपने एक बीघा जमीन को प्रशासन के नाम पर दान कर दिया है। बाबू अली खां बताते हैं कि उन्होंने योगी के सबका साथ सबका विकास से प्रेरित होकर जमीन को दान किया ।
वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया पहले बाबू अली की जमीन को खरीदने के लिए योजना बनाई थी लेकिन बाद में पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के दखल के बाद सीएम योगी से बात हुई। उसके बाद बाबू अली ने मंदिर के पीछे पड़ने वाली जमीन में से 1 बीघा जमीन को मंदिर के नाम कर दी ।
उप जिलाधिकारी राशि कृष्णा ने बाबू अली की तारीफ
वहीं, तिलहर की उप जिलाधिकारी राशि कृष्णा ने बाबू अली की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखते हुए हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम रखी है। उन्होंने बताया कि बाबू अली द्वारा अपनी एक बीघा जमीन का बैनामा मंगलवार को प्रशासन के नाम पर किया गया है। जिसमें एक क्रेता के रूप में उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं और इसी जमीन पर हनुमान मंदिर को स्थानांतरित किया जाएगा।
मथुरा के इस गांव की महिलायें श्राप के डर से नहीं रखती करवा चौथ का व्रत, जानें इसके पीछे की वजह
हम आपको बता दें कि शहीदों की नगरी कहे जाने वाला शाहजहांपुर स्वतंत्रता सैनानी अशफाकउल्ला खान और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की दोस्ती के लिए काफी मशहूर है। दोनों की दोस्ती की मिसाल पेश की जाती है। उसी कड़ी में गंगा जमुना की तहजीब को कायम रखने के लिए बाबू अली ने किया है जिससे उनकी प्रशंसा चारों तरफ हो रही है।