किशोरी लाल के नॉमिनेशन फॉर्म के एफिडेविट के वायरल होने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ने की बात कही जा रही है। सवाल उठ रहा है कि चुनाव आयोग इसको लेकर किशोरी लाल पर क्या कार्रवाई करता है? सवाल यह भी पूछे जा रहे हैं कि क्या उनकी सांसदी जाएगी?
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उम्मीदवार के नामांकन पत्रों और उसके एफिडेविट की जांच करता है चुनाव आयोग
लोकसभा चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार के नामांकन पत्रों और उसके एफिडेविट की जांच चुनाव आयोग करता है। लेकिन, चुनाव आयोग के अधिकारी किशोरी लाल की इस गलती को पकड़ नहीं पाए। अमेठी लोकसभा सीट से किशोरी लाल चुनाव जीत गए। आयोग ने कांग्रेस नेता को प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करते हैं। चुनाव आयोग उम्मीदवारों से जानकारी मांगता है। उम्मीदवार नॉमिनेशन फॉर्म और एफिडेविट के जरिए जानकारियों को साझा करते हैं। प्रत्याशी के सभी दस्तावेजों की जांच निर्वाचन आयोग करता है। चुनाव आयोग को किसी भी दस्तावेज में कोई भी गड़बड़ी या फिर वह संदिग्ध लगता है तो ऐसे में चुनाव आयोग उस प्रत्याशी की उम्मीदवारी को भी रद्द कर सकता है।