सीबीआई की छापेमारी के तुरंत बाद ही डाकघर के अधीक्षक ने खुद को गोली मार ली और गोली लगने के बाद उसकी मौत हो गई है। सुसाइड के पहले टीपी सिंह ने सुसाइड नोट ग्रुप पर डाला, जिसमें दफ्तर के कई लोगों को सुसाइड का जिम्मेदार बताया है।
बताया जा रहा है कि सीबीआई ने डाकघर के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी की शिकायत के बाद जांच की। सेवानिवृत्त कर्मचारी ने अपनी शिकायत में डाकघर के अधिकारियों पर भ्रमण भत्ते के बिल पास न करने और पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। इसके अलावा बताया यह भी जा रहा है कि डाक अधीक्षक द्वारा कर्मचारियों से सारे कामों के लिए रिश्वत मांगी जाती थी।
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8 घंटे तक चली सीबीआई की रेड
इस दौरान, सीबीआई ने डाक अधीक्षक कार्यालय में उपस्थित कर्मचारियों से पूछताछ की और कार्यालय को अपने कब्जे में ले लिया। छापेमारी के दौरान, टीम ने शाखा डाकपाल की नियुक्तियों, भ्रमण भत्ते, गबन और चार्जशीट से संबंधित फाइलों की भी जांच की। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई की टीम ने मंगलवार की सुबह 11 बजे करीब 8 सदस्यों के साथ डाकघर में छापा मारा, जिसके बाद रात 10 बजे सीबीआई टीम 8 घंटे से अधिक समय बाद कई दस्तावेज लेकर बाहर निकली। बता दें, शुरुआत में डाकघर के अधिकारियों ने सीबीआई की इस जांच को विजिलेंस टीम की नियमित ऑडिट का हिस्सा बताते हुए खारिज कर दिया था। लेकिन एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि उन्हें सीबीआई के छापेमारी की जानकारी मिली है। हालांकि सीबीआई के अधिकारियों की तरफ से किसी भी तरह की जांच की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।