ये भी पढ़ें- एक करोड़ कोरोना टेस्ट करने वाला यूपी बनेगा देश का पहला प्रदेश, दो लाख प्रतिदिन होंगे टेस्ट 2018 के अगस्त महीने में उन्नाव हरदोई मार्ग से काली मिट्टी – शिवराजपुर मार्ग पर स्थित पुलिया गंगा नदी में आई बाढ़ में बह गई थी। इसके साथ ही मार्ग भी गंगा के तेज बहाव में कट गया था। जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों को कानपुर आने जाने में कई किलोमीटर अतिरिक्त चक्कर लगाने पड़ते थे। पुलिया टूटने के साथ ही व्यापार की गति भी धीमी पड़ गई थी। स्थानीय लोगों ने सांसद साक्षी महाराज से संपर्क कर पुलिया के निर्माण की मांग की थी। तत्कालीन जिलाधिकारी ने पुलिया निर्माण के लिए धन भी स्वीकृत कर दिया था, लेकिन अफसरशाही की अनदेखी के कारण पुल का निर्माण नहीं हो सका।
ये भी पढ़ें- यूपी पीसीएस के दोनों टॉपर हरियाणा से, काबिल अभ्यर्थी न मिलने पर 12 पद खाली आवागमन में होती थी भारी परेशानी-
स्थानीय लोगों को आवागमन में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उन्हें गंगा के जलस्तर बढ़ने पर नाव का सहारा लेना पड़ता है। इसके बाद भी स्थानीय व्यापारियों को कानपुर की मंडी पहुंचने में काफी कठिनाई होती रही। क्षेत्र की प्रमुख मंडी शिवराजपुर जाने में उन्हें चक्कर लगाकर कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। अंत में ग्रामीणों ने स्वयं ही पुल बनाने का निर्णय किया।
स्थानीय लोगों को आवागमन में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उन्हें गंगा के जलस्तर बढ़ने पर नाव का सहारा लेना पड़ता है। इसके बाद भी स्थानीय व्यापारियों को कानपुर की मंडी पहुंचने में काफी कठिनाई होती रही। क्षेत्र की प्रमुख मंडी शिवराजपुर जाने में उन्हें चक्कर लगाकर कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। अंत में ग्रामीणों ने स्वयं ही पुल बनाने का निर्णय किया।
चंदा और श्रमदान से तैयार हो गई पुलिया-
दबौली, इस्माइलपुर, कटरी तोरण, इस्माइलपुर, अर्जुनपुर, भूलभुलिया खेड़ा, सकतपुर, नौगांवा, लवानी सहित अन्य कई गांव के लोगों ने आपस में चंदा इकट्ठा किया और श्रमदान से 70 मीटर लंबा व लगभग ढाई मीटर चौड़ा पुल तैयार कर लिया। इस संबंध में बातचीत करने पर दबौली निवासी संदीप सिंह ने बताया कि पुल के तैयार होने से स्थानीय व्यापारियों को अब कानपुर शिवराजपुर की मंडी पहुंचने में आसानी होती है। बांस की पुलिया इतनी मजबूत है कि दुपहिया वाहन भी इस पर से धीरे-धीरे निकल सकते हैं। श्रमदान करने वालों में पूर्व प्रधान लक्ष्मी नारायण, कुलदीप मोहन, विनोद कुमार, नीरज, हरगोविंद, संदीप, राजेश कुमार सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं। इस संबंध में बातचीत करने पर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता मन्नीलाल ने बताया कि शासन द्वारा 18 मीटर लंबे पुल के साथ गंगा नदी में बह गए सड़क के हिस्से को भी बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत है। बरसात के बाद काम शुरू करने की योजना है। तब तक गंगा नदी का जलस्तर भी कम हो जाएगा।
दबौली, इस्माइलपुर, कटरी तोरण, इस्माइलपुर, अर्जुनपुर, भूलभुलिया खेड़ा, सकतपुर, नौगांवा, लवानी सहित अन्य कई गांव के लोगों ने आपस में चंदा इकट्ठा किया और श्रमदान से 70 मीटर लंबा व लगभग ढाई मीटर चौड़ा पुल तैयार कर लिया। इस संबंध में बातचीत करने पर दबौली निवासी संदीप सिंह ने बताया कि पुल के तैयार होने से स्थानीय व्यापारियों को अब कानपुर शिवराजपुर की मंडी पहुंचने में आसानी होती है। बांस की पुलिया इतनी मजबूत है कि दुपहिया वाहन भी इस पर से धीरे-धीरे निकल सकते हैं। श्रमदान करने वालों में पूर्व प्रधान लक्ष्मी नारायण, कुलदीप मोहन, विनोद कुमार, नीरज, हरगोविंद, संदीप, राजेश कुमार सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं। इस संबंध में बातचीत करने पर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता मन्नीलाल ने बताया कि शासन द्वारा 18 मीटर लंबे पुल के साथ गंगा नदी में बह गए सड़क के हिस्से को भी बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत है। बरसात के बाद काम शुरू करने की योजना है। तब तक गंगा नदी का जलस्तर भी कम हो जाएगा।